असम में नहीं होगा SIR, चुनाव आयोग कराने जा रहा SR; क्या है दोनों में अंतर?
चुनाव आयोग ने असम में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (एसआर) कराने का फैसला किया है, जो 22 नवंबर से शुरू होगा। अंतिम सूची 10 फरवरी, 2026 को प्रकाशित होगी। यह निर्णय 2026 में होने वाले चुनावों को देखते हुए लिया गया है। एसआर में मतदाताओं को गणना फार्म नहीं भरना होगा, लेकिन घर-घर जाकर सत्यापन होगा। मतदाता नाम, उम्र और फोटो ठीक करा सकेंगे। डी-वोटर्स पर ट्रिब्यूनल के फैसले का इंतजार किया जाएगा।

अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 10 फरवरी 2026 को होगा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। असम में मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआइआर) न कराए जाने को लेकर उठ रहे सवालों के बीच चुनाव आयोग ने सोमवार को राज्य में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (एसआर) कराने का ऐलान किया है। जिसकी की शुरूआत 22 नवंबर से होगी और अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 10 फरवरी 2026 को होगा।
आयोग ने यह फैसला असम में अगले साल यानी 2026 के शुरूआत में होने वाले चुनाव को देखते हुए लिया है। एक जनवरी 2026 को 18 साल की उम्र पूरी करने वाले इसमें शामिल हो सकेंगे।मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पिछले दिनों ही 12 राज्यों में एसआइआर कराने के ऐलान के साथ यह साफ कर दिया था कि असम में नागरिकता को लेकर कई मामले लंबित है। ऐसे में असम में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए अलग से अधिसूचना जारी की जाएगी।
गणना फार्म नहीं भरना होगा
चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक असम में इसको देखते हुए एसआर कराने का फैसला लिया गया है, जो एसआइआर और एसएसआर (स्पेशल समरी रिवीजन) के बीच की पहल है। जिसमें सभी मतदाताओं को एसआइआर की तरह गणना फार्म नहीं भरना होगा। लेकिन इनमें घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन होगा। वहीं एसएसआर की तरह इनमें मतदाताओं को अपने नाम, उम्र व फोटो आदि ठीक कराने का मौका मिलेगा।
चुनाव आयोग की ओर से असम में एसआर कराने को लेकर जारी किए गए आदेश के मुताबिक राज्य में एसआर के तहत घर-घर जाकर सत्यापन का काम 22 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा। जबकि इसे लेकर प्रशिक्षण और दस्वावेजों के प्रि¨टग आदि का काम 18 नवंबर से ही शुरू हो जाएगा, जो 21 नवंबर तक चलेगा। वहीं इस दौरान ड्राफ्ट सूची का प्रकाशन 21 दिसंबर तक हो जाएगा, जबकि इसे लेकर दावे-आपत्तियां 27 दिसंबर से 22 जनवरी तक दाखिल की जा सकेगी।
इस अवधि के दौरान प्रत्येक शनिवार व रविवार को दावे-आपत्तियां दाखिल करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। आयोग ने इस बीच मतदाता सूची में शामिल डी-वोटर्स को लेकर किसी भी तरह पहल तब तक न करने को कहा है, जब तक कि किसी डी-वोटर को लेकर गठित विदेशी नागरिक ट्रिब्यूनल ने कोई फैसला नहीं दिया हो। गौरतलब है कि असम की मतदाता सूची में लंबे समय से बड़ी संख्या में डी- वोटर है,यानी ऐसे मतदाता जिनकी नागरिकता संदिग्ध है। जो मतदान में हिस्सा नहीं ले सकते है।

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