'मेरा ही नहीं यह पूरे देश का मिशन था', ISS से लौटने के बाद पहली बार शुभांशु शुक्ला ने शेयर किया अनुभव
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) पर सफल मिशन के बाद दिल्ली में अपने अनुभव साझा किए। इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुभांशु शुक्ला ने अपने अंतरिक्ष मिशन के अनुभवों के बारे में बताया और इसे पूरे देश का मिशन बताया। उन्होंने भारत सरकार इसरो और शोधकर्ताओं का धन्यवाद किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतरिक्ष यात्री और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सफल मिशन के बाद गुरुवार को दिल्ली में अपने अनुभव को साझा किया। इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन के साथ एक संयुक्त पीसी में अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अपने अंतरिक्ष मिशन के अनुभवों के बारे में जानकारी दी।
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान शुभांशु शुक्ला ने कहा कि यह पूरे देश का मिशन था। यह अनुभव ज़मीनी स्तर पर मिलने वाले अनुभवों से बहुत अलग है। उन्होंने आगे कहा कि मैं भारत सरकार, इसरो और शोधकर्ताओं का धन्यवाद करना चाहता हूं।
इसरो चीफ ने कही ये बात
दिल्ली में आयोजित इस पीसी को संबोधित करते हुए इसरो के अध्यक्ष डॉ. नारायणन ने कहा कि 2015 से 2025 तक इसरो के मिशन 2005 और 2015 के बीच पूरे किए गए मिशनों से लगभग दोगुने हैं। इसके साथ ही डॉ. नारायणन ने हाल के भारत के स्पेस क्षेत्र की उपलब्धियों के पर जोर दिया। इसमें पिछले छह महीनों में तीन प्रमुख मिशनों का सफलतापूर्वक पूरा होना भी शामिल है।
इस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए इसरो अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्रगति अभूतपूर्व और तीव्र रही है। 2015 से 2025 तक पूरे किए गए मिशन 2005 से 2015 तक पूरे किए गए मिशनों की संख्या से लगभग दोगुने हैं। पिछले 6 महीनों के दौरान, तीन महत्वपूर्ण मिशन पूरे किए गए हैं। एक्सिओम-4 मिशन एक प्रतिष्ठित मिशन है।
गगनयात्री प्रशांत नायर ने शुभांशु को बताया राम
इस पीसी के दौरान एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला। इस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए गगनयात्री प्रशांत नायर ने शुभांशु शुक्ला को अपना भाई बताया। इसके साथ ही कहा कि वह राम के लक्ष्मण हैं।
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