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India Bangladesh Relation: बांग्लादेश के हालात, चीन के साथ तनाव; म्यांमार के आंतरिक हालात पहले से खराब; क्या है भारत का स्टैंड?

बांग्लादेश में हिंसा के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। पूर्व पीएम शेख हसीना ने भारत में ही शरण ली हुई है। चीन ने बांग्लादेश के घटनाक्रम पर मंगलवार को बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह हिंसा प्रभावित देश की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 07 Aug 2024 12:13 AM (IST)
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बांग्लादेश के हालात ने पूर्वी सीमा की सुरक्षा की चिंताओं को बढ़ा दिया है। (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बांग्लादेश में जिस दिन शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट किया गया उस दिन देर रात पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में देश के पूरे पूर्वी सीमा की मौजूदा स्थिति की भी समीक्षा की गई है। भारत पूर्वी सीमा के हालात को लेकर पहले से ही चिंतित था और अब बांग्लादेश के हालात ने उसकी चिंताओं को बढ़ा दिया है।

पूर्वी सीमा पर चीन के साथ भारत के रिश्ते पहले ही काफी तनावपूर्ण है और विगत चार वर्षों से पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के घुसपैठ से शुरू हुए विवाद का अभी तक समाधान नहीं निकल पाया है। दूसरी तरफ म्यांमार की आंतरिक स्थिति दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है।

सरकार के खिलाफ विद्रोह

हाल के महीनों में भारत ने वहां के सैन्य सरकार के साथ संबंध सुधारने के प्रयास तेज किये थे लेकिन वहां से जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक सैन्य सरकार की पकड़ भी ढीली पड़ने लगी है और सैन्य सरकार के खिलाफ हथियार उठाने वाले विद्रोहियों के संगठन ने देश के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया है।

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सूत्रों ने बताया है कि रविवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हालात बिगड़ने के संकेत के साथ ही समूचे अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। बीएसएफ के नवनियुक्त डीजी दलजीत ¨सह चौधरी ने स्वयं ईस्टर्न कमांड में मौजूद थे और उनकी अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की गई।

राजनीतिक शून्यता उभरने के आसार

बीएसएफ के अधिकारियों को किसी भी अप्रत्याशित घटनाक्रम से निबटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। भारत के पश्चिम बंगाल के अलावा पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, असम, मेघालय और मिजोरम बांग्लादेश के साथ 4,095 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। ढाका में भारत के पूर्व उच्चायुक्त पवन शरण का कहना है कि अभी जो हालात हैं उससे वहां राजनीतिक शून्यता उभरने के आसार है। इसका फायदा विदेशी ताकतें या अपना हित साधने वाली ताकतें उठा सकती हैं।

हाई एलर्ट पर बीएसएफ

  • ये हालात यह भी बताते हैं कि बांग्लादेश की स्थिरता सबसे ज्यादा भारत के लिए अहमियत रखता है।
  • ऐसे में आश्चर्य की बात नहीं की बीएसएफ को हाई एलर्ट में रखा गया है।
  • वैसे भी बांग्लादेश का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि वह भारत के साथ कितना सहयोगात्मक रिश्ता बना कर रखता है।

लाशीओ शहर पर भी विद्रोहियों का कब्जा

जिस दिन शेख हसीना का विमान ढाका छोड़ कर दिल्ली के पास हिंडन हवाई अड्डा पहुंचा उसी दिन पूर्वी सीमा से सटे पड़ोसी देश म्यांमार में एक बड़ा घटनाक्रम हुआ। सैन्य शासन के खिलाफ विद्रोहियों को सफलता मिलने की खबरें लगातार पहले से ही आ रही थी। लेकिन सोमवार को वहां की सैन्य शासन ने यह स्वीकार किया कि देश के पूर्वोत्तर हिस्से पर स्थित लाशीओ शहर पर भी विद्रोहियों का कब्जा हो गया है और सेना का अपने दल के साथ संपर्क कट गया है।

आतंकी संगठनों घने जंगलों में पनाह

विद्रोहियों की बढ़त को देखते हुए म्यांमार सेना के सैनिक खुद ही आत्मसमर्पण कर रहे हैं और उनके साथ मिल रहे हैं। ये विद्रोही म्यांमार के कई स्थानीय जनजातीय वर्ग के समूहों का प्रतिनिधित्व करते हैं। म्यांमार के साथ भारत की 1643 किलोमीटर लंबी सीमा है। पूर्वोत्तर राज्यों के कई आतंकी संगठनों को वहां के घने जंगलों में पनाह मिलती रही है।

भारत की सीमा का बड़ा भाग खुला

पूर्व में वहां की सैन्य सरकार ने इन आंतकियों को खदेड़ने में भारत की मदद भी की है। म्यांमार व भारत की सीमा का बड़ा भाग खुला हुआ है और इस पर बाड़ लगाने का काम जारी है।पूर्वी सीमा पर 4057 किलोमीटर लंबी सीमा भारत चीन के साथ साझा करता है जो उसके लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्कम व अरूणाचल प्रदेश से जुड़ा हुआ है।

चीनी सैनिकों की घुसफैठ

हाल के वर्षों में सिक्कम, अरूणाचल प्रदेश व लद्दाख में की जगहों पर चीन न दोनो देशों के बीच सीमा पर अमन-शांति बनाये रखने को लेकर किये गये समझौते का उल्लंघन किया है। अप्रैल-मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की घुसफैठ से उपजा विवाद अभी तक जारी है। पिछले हफ्ते गुरुवार को ही दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक हुई लेकिन नतीजा नहीं निकल पाया है। जुलाई, 2024 मे दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की दो बार मुलाकातें हुई है।

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