SIR को लेकर बंगाल में छिड़ी रार... मतुआ समुदाय के दो प्रमुख चेहरे आमने-सामने, अनशन की चेतावनी
बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर मतुआ समुदाय के दो प्रमुख नेता आमने-सामने हैं। ममताबाला ठाकुर ने भाजपा पर मतुआ समुदाय के लोगों के नाम मतदाता सूची से काटने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इसके विरोध में उन्होंने अनशन की घोषणा की है, जिसके जवाब में शांतनु ठाकुर के समर्थकों ने भी उनके घर के सामने अनशन करने की घोषणा की है।

मतुआ समुदाय के लोगों के नाम मतदाता सूची से काटने की साजिश रचने का आरोप
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर मतुआ समुदाय के दो प्रमुख चेहरे आमने-सामने हैं। एक ओर तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा (रास) सदस्या ममताबाला ठाकुर हैं तो दूसरी ओर केंद्रीय जहाजरानी राज्य मंत्री व भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर हैं।
ममताबाला ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर एसआईआर के जरिए मतुआ समुदाय के लोगों के नाम मतदाता सूची से काटने की साजिश रचने का आरोप लगाया है और इसके विरुद्ध आगामी पांच नवंबर से मतुआ समुदाय की बड़ी माता वीणापाणि देवी के निवास स्थल के सामने आमरण अनशन करने की घोषणा की है।
घर के सामने अनशन करने की घोषणा
वहीं दूसरी तरफ शांतनु ठाकुर के समर्थकों ने उसी दिन से ममताबाला के घर के सामने अनशन करने की घोषणा की है। मालूम हो कि शांतनु ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि एसआईआर के जरिए बंगाल में 1.20 करोड़ अवैध मतदाताओं के नाम काटे जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि मतुआ समुदाय के जो लोग नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे, उनके नाम मतदाता सूची से नहीं कटेंगे।
शांतनु की ओर से इस बाबत सीएए सहायता शिविर भी लगाए जा रहे हैं। ममता बाला ठाकुर ने कहा कि भाजपा एसआईआर के नाम पर मतुआ समुदाय के लोगों को डराने-धमकाने का प्रयास कर रही है। मालूम हो कि एसआईआर को लेकर भाजपा का एक वर्ग भी दुविधा में है।
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने एसआईआर शुरू होने पर मतुआ समुदाय, जो कि हिंदू शरणार्थी हैं, के एक बड़े वर्ग का नाम मतदाता सूची से कटने की आशंका जताई थी। मालूम हो कि बंगाल में मतुआ एक बड़ा वोट बैंक हैं।

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