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    प्रैक्टिस मैच भी नहीं जीत सके ठाकरे ब्रदर्स, पहले ही चुनाव में बुरी तरह हारे; खाता भी नहीं खुला

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 10:50 AM (IST)

    मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के गठबंधन को बीईएसटी कर्मचारी सहकारी क्रेडिट सोसाइटी के चुनाव में करारी शिकस्त मिली। दोनों पार्टियों के उत्कर्ष पैनल ने मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन सभी 21 सीटें हार गए। शिवसेना (यूबीटी) के सुहास सामंत ने धनबल के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। यह चुनाव ऐसे समय में हुआ है जब दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की अटकलें तेज हैं।

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    यह गठबंधन बीईएसटी (BEST) कर्मचारी सहकारी क्रेडिट सोसाइटी के चुनाव में एक मंच पर आया था।

    ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ मिलकर मुंबई महानगरपालिका सहित महाराष्ट्र की कई महानगरपालिकाओं पर जीत का स्वप्न देख रहे हैं। लेकिन मुंबई में हुए एक छोटे से चुनाव में पहली बार साथ उतरा उनका गठबंधन एक भी सीट नहीं जीत सका। ये चुनाव था द बेस्ट एम्प्लाइज कोआपरेटिव क्रेडिट सोसायटी का. जिसमें, भाजपा नेताओं के पैनलों ने सभी 21 सीटें जीत ली हैं।

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    इस बार जब सोसायटी के चुनाव घोषित हुए तो उद्धव ठाकरे ने प्रतीकात्मक तौर पर राज ठाकरे की ‘बेस्ट कामगार कर्मचारी सेना’ से गठबंधन करके चुनाव लड़ने का निर्णय किया। क्योंकि दोनों भाई निकट भविष्य में होनेवाले मुंबई महानगरपालिका के चुनाव भी मिलकर लड़ने की योजना बना रहे हैं।

    ठाकरे ब्रदर्स के उत्कर्ष पैनल को बीजेपी ने दी पटखनी

    18 अगस्त को हुए चुनाव में दोनों ठाकरे ने मिलकर ‘उत्कर्ष पैनल’ बनाया और निदेशक मंडल की 21 सीटों के लिए उम्मीदवार खड़े किए थे। इनके विरुद्ध भाजपा नेताओं के तीन अलग-अलग पैनल मैदान में थे। एक पैनल बेस्ट वर्कर्स यूनियन के नेता शशांक राव का था। वह मुंबई के वरिष्ठ कामगार नेता रहे स्वर्गीय शरद राव के पुत्र होने के साथ-साथ अब स्वयं भाजपा में सक्रिय हैं।

    दूसरा ‘श्रमिक सहकार समृद्धि पैनल’ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी एमएलसी प्रसाद लाड एवं प्रवीण दरेकर का था। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के उम्मीदवार भी इसी पैनल के साथ थे। एक और भाजपा नेता सुनील गणाचार्य का भी एक पैनल मैदान में था।

    18 अगस्त को हुए इस प्रतिष्ठित चुनाव में 83.69 प्रतिशत मतदान हुआ था। मंगलवार देर रात शुरू हुई मतगणना में शशांक राव पैनल को कुल 21 में से 14 एवं प्रसाद लाड व प्रवीण दरेकर के पैनल को सात सीटें हासिल हुईं। ठाकरे बंधुओं को एक भी सीट नहीं मिल पाई। इस चुनाव में ठाकरे बंधुओं के पैनल की हार से भाजपा की बांछें खिल गई हैं।

    'मुंह पर ताला लग गया होगा'

    मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि इस चुनाव परिणाम से पता चल गया है कि मुंबईकर, कामगार और श्रमिक हमारे साथ हैं। शेलार के अनुसार हमने यह चुनाव दल के रूप में नहीं लड़ा था। लेकिन हमारे नेता प्रसाद लाड और शशांक राव के पैनल विजयी हुए। ये हमारे लिए शुभ संकेत हैं। चूंकि ये चुनाव मतपत्र के जरिए हुए थे, इसे लेकर भी विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए शेलार ने कहा कि इन दिनों तमाम तथाकथित राजकीय विश्लेषक मतचोरी का आरोप लगाते घूम रहे हैं। अब उनके मुंह पर ताला लग गया होगा।

    बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) मुंबई में बिजली व्यवस्था एवं परिवहन के प्रबंधन का काम देखने के लिए बनाई गई थी। बिजली व्यवस्था का प्रबंधन धीरे-धीरे निजी क्षेत्रों की कंपनियों ने संभाल लिया है, जबकि परिवहन क्षेत्र में बेस्ट की बसों का प्रबंधन आज भी बेस्ट ही करती है।

    इसके हजारों कर्मचारियों की कोआपरेटिव क्रेडिट सोसायटी में इसके कर्मचारी अपनी बचत का पैसा जमा करते हैं, और जरूरत पड़ने पर ऋण भी लेते हैं। इस सोसायटी के 15,093 पंजीकृत मतदाता हैं। पिछले नौ वर्षों से सोसायटी पर अविभाजित शिवसेना की ‘बेस्ट कामगार सेना’ का कब्जा था। चुनाव शुरू होने से पहले ही भाजपा नेताओं द्वारा इस सोसायटी के कामकाज में तमाम

    तरह की अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे।

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