Bihar Election: बिहार चुनाव में AI का भूलकर भी न करें इस तरह इस्तेमाल; EC की गाइडलाइन जारी
चुनाव आयोग ने बिहार में आगामी चुनावों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने चेतावनी दी है कि चुनाव प्रचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का गलत इस्तेमाल करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राजनीतिक दलों को एआई के इस्तेमाल में पारदर्शिता बरतने और सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने से बचने की चेतावनी दी गई है।
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बिहार चुनाव से पहले EC का सख्त निर्देश
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे खिलाफ एआइ और डीपफेक के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को इससे बचने की नसीहत की है और कहा है कि वह चुनाव के दौरान किसी के खिलाफ इसके इस्तेमाल से बचें अन्यथा वह सख्त कार्रवाई करेगा।
आयोग ने यह निर्देश ऐसे समय दिए है, जब बिहार विधानसभा चुनाव के साथ देश के सात राज्यों में उपचुनाव चुनाव हो रहे है। इसके साथ ही आयोग ने राजनीतिक दलों से प्रचार के दौरान निजी जीवन से जुड़े हमलों से बचने को लेकर भी चेताया है। आयोग ने यह कदम पिछले कई चुनावों में प्रचार के दौरान इसके बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए उठाया है।
चुनाव आयोग ने जारी किया दिशा निर्देश
चुनाव आयोग ने इसे लेकर राजनीतिक दलों के लिए एक दिशा-निर्देश भी जारी किया है। जिसमें चुनाव प्रचार के दौरान अपने प्रतिद्वंदी दलों या उम्मीदवारों के खिलाफ एआइ और डीपफेक की मदद से तैयार किए जाने वाले वीडियो उपयोग करने के दौरान आदर्श आचार संहिता व दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है। चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी तरह की सूचनाओं को विकृत करने में एआइ या डीपफेक का इस्तेमाल गलत है। चुनाव आयोग के मुताबिक ऐसे लोगों पर नजर रखी जाएगी। साथ ही सख्ती से उनसे निपटा भी जाएगा।
आइटी एक्ट के तहत दर्ज होगा मामला
आयोग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, ऐसे लोगों को चुनाव प्रचार से रोकने सहित उसके खिलाफ आइटी एक्ट के तहत मामला भी दर्ज कराया जा सकता है। आयोग ने साफ किया है कि चुनाव प्रचार सामग्री में यदि कहीं भी एआइ व डीपफेक का इस्तेमाल किया गया है तो उन्हें बताना होगा कि यह एआइ जेनरेटेड है।
किसी भी तथ्य को तोड़-मड़ोकर पेश करने से बचे
आयोग ने राजनीतिक दलों से प्रचार के स्तर को स्वस्थ रखने की नसीहत दी है और कहा कि वह प्रतिद्वंदी दलों या फिर उम्मीदवारों के खिलाफ किसी भी तरह के निजी हमले न करके सिर्फ उसकी नीतियों व कार्यक्रमों के आधार पर ही सियासी हमले करें। किसी भी तथ्य को तोड़-मरोड़कर पेश करने से भी बचे। आयोग ने कहा कि वह चुनावी माहौल को दूषित होने से रोकने के लिए इंटरनेट मीडिया पर कड़ी नजर रख रही है। यदि दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो सख्ती से निपटा जाएगा।
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