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    बिलासपुर में कैसे हुआ इतना बड़ा ट्रेन हादसा? जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मेमू लोकल ट्रेन और मालगाड़ी की टक्कर में 12 लोगों की मौत हो गई। रेलवे संरक्षा आयुक्त बीके मिश्रा ने जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यात्री ट्रेन का क्रू लाल सिग्नल पर ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहा। सवाल यह है कि पीले सिग्नल पर लोको पायलट ने गति धीमी क्यों नहीं की। 20 यात्री घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है।

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    बिलासपुर में कैसे हुआ इतना बड़ा ट्रेन हादसा

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मंगलवार की शाम मेमू लोकल ट्रेन और मालगाड़ी के बीच हुए हादसे में पायलट सहित 12 लोगों की मौत हो गई। इस घटना के दूसरे दिन कोलकाता से रेलवे संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) बीके मिश्रा जांच के लिए पहुंचे।

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    पहले दिन की जांच में लगभग दो घंटे का समय लगा, जिसमें मोटर कोच से स्पीडोमीटर और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यात्री ट्रेन (68733- पैसेंजर ट्रेन) का क्रू लाल सिग्नल पर ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहा, जिससे यह दुर्घटना हुई। सीआरएस ने आटोमैटिक सिग्नल प्रणाली की भी जांच का हिस्सा बनाया है। जहां यह दुर्घटना हुई, वहां आटोमैटिक सिग्नल व्यवस्था लागू है।

    लाल सिग्नल पर ट्रेन रोकने में विफलता

    सामान्यत: जब कोई ट्रेन पहले सिग्नल को पार करती है तो वह पीला हो जाता है। इसके बाद दूसरे सिग्नल पर पहला रेड और इसी क्रम में अन्य सिग्नल भी बदलते हैं। इस स्थिति में यह सवाल उठता है कि जब मेमू-लोकल ट्रेन पीले सिग्नल पर पहुंची, तब लोको पायलट ने गति धीमी क्यों नहीं की।

    यदि चालक ने सिग्नल नियमों का पालन करते हुए गति नियंत्रित की होती तो ट्रेन रेड सिग्नल पार नहीं करती और टक्कर टल सकती थी। यही ¨बदु इस जांच का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। सीआरएस इसी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

    जांच में लोको पायलट की लापरवाही

    हादसे में मरने वालों की संख्या अब 12 हो गई है। इसमें वाराणसी निवासी लोको पायलट विद्यासागर भी शामिल हैं। 20 यात्री घायल हैं, जिनका सिम्स और आसपास के अस्पतालों में उपचार चल रहा है।

    हादसे के समय सहायक पायलट रश्मि राज और मालगाड़ी के गार्ड शैलेश चंद्र ने कूदकर अपनी जान बचाई थी। उनका उपचार स्थानीय निजी अस्पताल में जारी है। बताया जा रहा है कि तबीयत में सुधार होने पर उनसे पूछताछ में घटना का स्पष्ट ब्योरा मिल सकेगा।