बिलासपुर रेल हादसा: आखिर कैसे मालगाड़ी में जा भिड़ी MEMU ट्रेन? पढ़िए दुर्घटना का कारण
बिलासपुर में एक मालगाड़ी और मेमू ट्रेन की टक्कर हो गई। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मेमू ट्रेन के पायलट ने सिग्नल को अनदेखा किया जिसके कारण हादसा हुआ।

आखिर कैसे मालगाड़ी में जा भिड़ी MEMU ट्रेन?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मंगलवार की शाम मेमू लोकल ट्रेन और मालगाड़ी के बीच टक्कर हो गई। इस हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। यह घटना कैसे हुई इसको लेकर जांच जारी है। शुरुआती जांच में हादसे के पीछे की कुछ वजह सामने आई है।
दरअसल, 4 नवंबर की शाम को कोरबा-बिलासपुर एमईएमयू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) यात्री ट्रेन गतोरा रेलवे स्टेशन के पास लाल खदान के पास एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि रेलगाड़ी मालगाड़ी के ऊपर से गुजर गई।
क्या है दुर्घटना का कारण?
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेमू ट्रेन के पायलट ने मालगाड़ी से टकराने से पहले कई चेतावनी और खतरे के संकेतों को नजरअंदाज किया। बताया जा रहा है कि जब मेमू ट्रेन गतोरा स्टेशन से रवाना हुई, तो हरी झंडी मिलने के बाद वह 76 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल रही थी। इसके बाद उसने एक डबल येलो और एक सिंगल येलो सिग्नल पार किया। इन दोनों सिग्नलों ने ट्रेन को गति कम करने का संकेत दिया, उसके बावजूद ट्रेन फूल स्पीड से चल रही थी।
जांचकर्ताओं के अनुसार, टक्कर से कुछ देर पहले ट्रेन को लाल सिग्नल दिया गया था। लेकिन उसके बावजूद भी वह नहीं रुकी। जब मेमू ट्रेन मालगाड़ी से टकराई, तब वह 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी।
इस वजह से हुई घटना
जांच में एक और ये बात सामने आई है कि एमईएमयू ट्रेन के लोको पायलट विद्यासागर को एक महीने पहले ही यात्री सेवाएं संभालने के लिए प्रमोट किया गया था। ऐसे में हो सकता है कि लोको पायलट विद्यासागर अनुभवहीनता के चलते ये गलती कर बैठे हों और ट्रैक के घुमावदार हिस्से मिले सिग्नल को बगल वाली लाइन से आने वाले सिग्नल को अपनी ट्रेन के लिए समझ लिया हो। जिसके कारण यह घटना हुई।
इस दर्दनाक रेल दुर्घटना में लोको पायलट विद्यासागर की मौत हो गई, जबकि सहायक लोको पायलटों में से एक रश्मि राज गंभीर रूप से घायल हो गई। जिनका अस्पताल में उपचार चल रहा है।
औपचारिक जांच शुरू
इस दर्दनाक रेल हादसे की औपचारिक जांच शुरू हो गई है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) बृजेश कुमार मिश्रा के नेतृत्व में पाँच सदस्यीय टीम ने बिलासपुर डीआरएम कार्यालय में अपनी जाँच शुरू कर दी है और दुर्घटना के संबंध में 19 रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ की है। यह जाँच दो दिनों तक चलेगी। जांच के तीन दिों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंप दी जाएगी।
इन लोगों से हुई पूछताछ
पूछताछ के लिए बुलाए गए लोगों में सहायक लोको पायलट रश्मि राज, मालगाड़ी गार्ड सुनील कुमार साहू, सहायक लोको पायलट पुनीत कुमार, मेमू प्रबंधक ए.के. दीक्षित, मालगाड़ी प्रबंधक शैलेश चंद्र और ट्रेन संचालन और सिग्नलिंग के लिए जिम्मेदार कई अन्य कर्मचारी शामिल हैं। सभी को दोनों ट्रेनों की आवाजाही से संबंधित प्रासंगिक दस्तावेज और लॉग प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

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