'कांग्रेस अपने राजकुमार का बचाव कर रही', चिदंबरम के लेख पर भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया
भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की आलोचना की है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर जनता का अपमान करने का आरोप लगाया। चिदंबरम ने अपने लेख में बिहार के मतदाताओं से बदलाव के लिए वोट करने की बात कही थी, जिसपर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

पी. चिदंबरम पर भाजपा का हमला। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा 2025 के नतीजों को लेकर भाजपा ने रविवार (16 नवंबर, 2025) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की आलोचना की और उनकी पार्टी पर खराब प्रदर्शन के बाद लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए लिखा कि कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी नाकामी की जांच करने के बजाय जनता पर दोष मढ़कर अपने राजकुमार का बचाव करने का विकल्प चुना है।
'दोष मढ़ना कांग्रेस की आदत'
उन्होंने लिखा, "आत्मचिंतन करने के बजाय, कांग्रेस ने एक बार फिर जनता पर दोष मढ़कर अपने राजकुमार का बचाव करना चुना है।" इंडियन एक्सप्रेस में चिदंबरम के कॉलम का जिक्र करते हुए पूनावाला ने कहा, "पी चिदंबरम लिखते हैं, उन्हें सत्ता में लेकर आना जनता की जिम्मेदारी है। ये लोग कितने हकदार और भ्रमित हैं।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में दोष मढ़ने की आदत रही है। उन्होंने कहा, "ईवीएम को दोष दो, एसआईआर को दोष दो, अब बिहार की जनता को दोष दो। 95 की हार के लिए राहुल को दोष मत दो। राहुल कुछ गलत नहीं कर सकते, जनता गलत है! कांग्रेस ने फिर बिहार का अपमान किया!"
चिदंबरम ने क्या लेख लिखा?
चिदंबरम ने ‘मतदान जिम्मेदारियों का अंत नहीं है’ शीर्षक से अपने कॉलम में जनादेश का विश्लेषण किया, जिसमें एनडीए को 202 सीटें दी गईं, जबकि महागठबंधन को 35 सीटें मिलीं।
उन्होंने लिखा कि नागरिकों को परिणाम स्वीकार करना चाहिए, लेकिन उन्हें यह भी जांचना होगा कि राज्य को अभी भी गहरे संरचनात्मक संकटों का सामना क्यों करना पड़ रहा है।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार के लोगों को “लालू प्रसाद की सरकार के 15 साल याद हैं” और नीतीश कुमार के लंबे शासन को भी याद है, लेकिन फिर भी “भारी बेरोजगारी, काम के लिए करोड़ों लोगों का पलायन, बहुआयामी गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा की दयनीय स्थिति और शराबबंदी की विफलता” के बावजूद उन्होंने बदलाव के लिए वोट नहीं दिया।
चिदंबरम ने तर्क दिया कि इन परिस्थितियों को देखते हुए, "इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि लोगों ने ऐसा मतदान क्यों किया"। उन्होंने कहा कि बिहार के मतदाताओं को "चंपारण युग की भावना को फिर से खोजना होगा" और अयोग्य शिक्षकों, बदहाल स्कूलों, पेपर लीक, हेरफेर किए गए परीक्षा परिणामों और नौकरियों के लंबे समय से अभाव को स्वीकार करने से इनकार करना होगा।

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