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    बोइंग 787 विमानों के इलेक्ट्रिक सिस्टम की हो जांच, भारतीय पायलट महासंघ की DGCA से मांग

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 10:48 PM (IST)

    भारतीय पायलट महासंघ ने डीजीसीए से बोइंग 787 विमानों के इलेक्ट्रिक सिस्टम की जाँच का आग्रह किया है। एयर इंडिया के विमान में अमृतसर से बर्मिंघम जाते समय आपातकालीन टर्बाइन पावर की तैनाती देखी गई। एफआईपी ने डीजीसीए को पत्र लिखकर बीपीसीयू में खराबी की आशंका जताई है जिससे आरएटी की तैनाती हुई होगी। एफआईपी ने पहले भी बोइंग 787 विमानों की जांच पर जोर दिया था।

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    बोइंग 787 विमानों के इलेक्ट्रिक सिस्टम की हो जांच (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय पायलट महासंघ ने रविवार को DGCA से देश के सभी बोइंग 787 विमानों की इलेक्ट्रिक सिस्टम की गहन जांच कराने का आग्रह किया है।

    पायलटों के संगठन ने DGCA को एक पत्र लिखा है। एक दिन पहले ही एयर इंडिया द्वारा अमृतसर से बर्मिंघम के लिए जाने वाली बोइंग 787 विमान में ब्रिटेन के शहर में उतरने से पहले आपातकालीन टर्बाइन पावर की तैनाती देखी गई थी।

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    एयर इंडिया के अनुसार, अमृतसर-बर्मिंघम फ्लाइट के क्रू-मैंबर्स ने बताया कि 4 अक्टूबर को फाइनल अप्रोच के दौरान बोइंग 787 का रैम एयर टर्बाइन (RAT) अप्रत्याशित रूप से तैनात हो गया था, लेकिन विमान सुरक्षित रूप से उतर गया।

    FIP ने DGCA को लिखा पत्र

    FIP के अध्यक्ष जीएस रंधावा ने DGCA को लिखे पत्र में कहा कि एयर इंडिया विमान की घटना में, एयरक्राफ्ट हेल्थ मॉनिटरिंग (AHM) ने बस पावर कंट्रोल यूनिट (BPCU) में खराबी का पता लगाया, जिसके कारण RAT की तैनाती हो गई होगी।

    पायलटों के संगठन, जो 5000 से ज्यादा कॉकपिट क्रू सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है, उसने पत्र में कहा, "(बर्मिंघम उड़ान) यह घटना तब हुई जब बर्मिंघम पहुंचते समय रैम एयर टर्बाइन 500 फीट की ऊंचाई पर स्वचालित रूप से तैनात हो गया। एयरक्राफ्ट हेल्थ मॉनिटरिंग ने बस पावर कंट्रोल यूनिट (बीपीसीयू) में एक खराबी पाई है, जिसके कारण आरएटी स्वचालित रूप से तैनात हो गया होगा।"

    बीपीसीयू एयरक्राफ्ट के इलेक्ट्रिक पावर सिस्टम को कंट्रोल करता है।

    इंजन फेल होने पर एक्टिव होता है आरएटी

    दोहरे इंजन की विफलता या पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक या हाइड्रोलिक विफलता की स्थिति में आरएटी स्वचालित रूप से तैनात हो जाता है। यह आपातकालीन शक्ति उत्पन्न करने के लिए हवा की गति का उपयोग करता है। इस साल जून में एयर इंडिया बोइंग 787 विमान दुर्घटना के कई संभावित कारणों में इंजन या हाइड्रोलिक / इलेक्ट्रिकल विफलता या सॉफ्टवेयर की खराबी को शामिल किया जा रहा है।

    "बी-787 विमानों में कई दुर्घटनाएं हुई हैं। हमने देश के सभी बी-787 विमानों की इलेक्ट्रिल सिस्टम की गहन जांच के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के सामने पुरजोर ढंग से मुद्दा उठाया है।"

    "एयर इंडिया-171 दुर्घटना के बाद, एफआईपी लगातार देश में बी-787 विमानों की इलेक्ट्रिल सिस्टम की गहन जाँच पर जोर दे रहा है। एफआईपी ने पत्र में कहा, "दुर्घटना के बाद, डीजीसीए ने एयर इंडिया में केवल बी-787 के ईंधन नियंत्रण स्विच की जांच की।"

    12 जून को हादसे का शिकार हुआ बोइंग 787 विमान

    12 जून को, एयर इंडिया का बोइंग 787 विमान, जो उड़ान संख्या AI 171 पर लंदन गैटविक जा रहा था, अहमदाबाद से उड़ान भरने के तुरंत बाद एक मेडिकल हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 260 लोगों की मौत हो गई, जिनमें विमान में सवार 241 लोग भी शामिल थे।

    दुर्घटना की जाँच कर रहे एएआईबी ने इस साल जुलाई में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा था कि दुर्भाग्यपूर्ण बोइंग 787-8 विमान के इंजन ईंधन नियंत्रण स्विच उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद बंद हो गए थे। एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया, और दूसरे ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया।

    अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग पिछले तीन दशकों में भारत में हुए सबसे घातक हवाई हादसों में से एक पर चुप्पी साधे हुए है।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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