BRICS Summit 2024: शी जिनपिंग से मिलेंगे पीएम मोदी, कल रूस के कजान में होगी द्विपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने रूस के कजान पहुंच चुके हैं। इस बीच बड़ी खबर आ रही है कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी। इसकी पुष्टि विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने की है। पिछले चार साल से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध जारी है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बुधवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात होगी। यह मुलाकात रूस के शहर कजान में होगी जहां दोनों नेता ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। यह बैठक तब होने जा रही है जब दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों की तरफ से बताया गया है कि अप्रैल, 2020 में पूर्वी लद्दाख के इलाके में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पैट्रोलिंग करने को लेकर जो विवाद था, उसे सुलझाने पर समझौता हो गया है।
एलएसी के मुद्दे पर होगी बात
सोमवार को विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भारत व चीन में समझौता होने और वर्ष 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल होने की बात कही थी जिस पर चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को मुहर लगा दी। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच होने वाली इस मुलाकात में एलएसी विवाद से जुड़े सभी मुद्दों के अलावा द्विपक्षीय संबंधों के अन्य आयामों पर भी चर्चा होगी।
क्या हुआ भारत-चीन के बीच समझौता?
मोदी की कजान में मंगलवार की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव मिसरी ने कहा, 'मैं इस बात की पुष्टि करता हं कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच 23 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से द्विपक्षीय बैठक होगी।' इसके साथ ही मिसरी ने कहा, 'एक दिन पहले (सोमवार सुबह) पैट्रोलिंग को लेकर जो समझौता हुआ है उसके मायने ये हैं कि जो विवादित क्षेत्र शेष रह गए थे, वहां पैट्रोलिंग (भारतीय जवानों की) व जानवरों को चराने का काम वर्ष 2020 से पहले की तरह हो सकेगा।विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नई दिल्ली में एक दिन पहले जो बात कही है, उसका भी मतलब यही है। एलएसी को लेकर पहले जो समझौते हुए हैं, वे अलग हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि उक्त समझौते से जुड़े कई पहलू हैं जिनके बारे में जानकारी बाद में दी जाएगी। बहुत संभव है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात के बाद कुछ और जानकारी सामने आए।
विवाद के बाद यह तीसरी मुलाकात
मोदी और जिनपिंग के बीच पूर्वी लद्दाख स्थित एलएसी पर विवाद शुरू होने के बाद यह तीसरी मुलाकात होगी। वर्ष 2022 में बाली में जी-20 बैठक में दोनों की संक्षिप्त मुलाकात हुई थी जिसके बारे में विदेश मंत्रालय ने बहुत बाद में जानकारी दी थी। वर्ष 2023 में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान मुलाकात में दोनों नेताओं ने सीमा पर विवाद को शीघ्र सुलझाने की बात कही थी।
विवाद से पहले 18 बार मुलाकात
कजान में होने वाली मुलाकात इस लिहाज से अहम है कि पहले ही विदेश मंत्रालय की तरफ से इसकी जानकारी दी जा रही है। एलएसी विवाद शुरू होने से पहले मोदी और जिनपिंग के बीच 18 बार मुलाकात हो चुकी थी। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के तमाम आयामों पर 22 अन्य समितियों, सह-समितियों की बैठकें होती थीं जो फिलहाल बंद हैं। मोदी-जिनपिंग मुलाकात के बाद ये शुरू हो सकती हैं। एलएसी विवाद के बाद भारत ने चीन के विरुद्ध कई कदम उठाए थे। हालांकि चीन भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है।चीन ने कहा- भारत के साथ मिलकर काम करेगा
चीन के विदेश मंत्रालच के प्रवक्ता लिन जियान ने मंगलवार को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि भारत के साथ लगती एलएसी (पूर्वी लद्दाख इलाके में) पर चार वर्षों से जारी विवाद के निपटारे के लिए दोनों देशों के बीच समझौता हो गया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, 'भारत चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों में कूटनीतिक व सैन्य स्तर पर संवाद चल रहा था। संबंधित मुद्दों को लेकर दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है, इस पर चीन हमेशा से ही जोर देता रहा है। इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए चीन भारत के साथ मिलकर काम करेगा।'यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने पुतिन के सामने फिर किया यूक्रेन युद्ध का जिक्र, रूस के राष्ट्रपति ने बताया बैठक में क्या हुई बातचीतयह भी पढ़ें: 'युद्ध नहीं, शांति से हो हर समस्या का समाधान', रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोले PM मोदीकल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी। विक्रम मिसरी, विदेश सचिव।
"I can confirm that there will be a bilateral meeting held between Prime Minister Modi and Chinese President Xi Jinping tomorrow on the sidelines of the BRICS Summit." says Foreign Secretary Vikram Misri pic.twitter.com/htdIfCLjmI
— ANI (@ANI) October 22, 2024