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    दीवाली पर छाया अंधेरा, 200 रुपए की देसी जुगाड़ कार्बाइड गन ने छीन ली 200 आंखें

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 08:29 PM (IST)

    दीपावली की खुशियों के बीच, इंस्टाग्राम पर वायरल एक ट्रेंड ने कई घरों में मातम ला दिया है। देसी जुगाड़ से बनी कार्बाइड गन ने भोपाल, विदिशा, ग्वालियर और इंदौर में 200 से अधिक बच्चों को घायल कर दिया है, कई की आंखों की रोशनी चली गई है। प्रशासन ने कार्रवाई की है, पर हादसे हो चुके हैं।

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    कार्बाइड गन ने छीनी रोशनी

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दीपावली की खुशियों के बीच इस बार कई घरों में सन्नाटा पसरा है। वजह है इंस्टाग्राम पर वायरल एक “फन ट्रेंड”, जो कई बच्चों का जीवन अंधेरे में ढकेल गया। देसी जुगाड़ से बनी कार्बाइड गन अब पूरे प्रदेश में कहर बरपा रही है। भोपाल, विदिशा, ग्वालियर और इंदौर में 200 से अधिक बच्चे घायल होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं। कई की आंखों की रोशनी स्थायी रूप से जा चुकी है, कुछ के चेहरे झुलस गए।

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    दीपावली से 15-20 दिन पहले जब देश पटाखा जलाने और उससे होने वाले प्रदूषण के नुकसान के बीच बहस में उलझा था, इंस्टाग्राम और यूट्यूब की रील में पीवीसी पाइप से बनी एक पटाखा गन को कूल अंदाज में प्रोत्साहित किया जा रहा था। कंटेंट बनाने वाले इसे ग्रीन पटाखा बता रहे थे। उसी बीच शहर के अलग-अलग हिस्सों में कुछ लोगों ने सड़क किनारे चादर बिछाकर इसकी दुकानें लगाईं। वे पानी से भरे पाइप में कार्बाइड डालते, पत्थर के टुकड़े डालते, हिलाते और पत्थर निकाल लेते। उसके बाद लाइटर का बटन दबाते उसमें धमाका होता।

    17 अक्टूबर के अंक में नवदुनिया ने "शहर में कार्बाइड पाइप गन का कारोबार, दिवाली से पहले खतरे की घंटी'' शीर्षक से इस खतरे के बारे में चेतावनी प्रकाशित की थी। प्रशासन ने अगले दिन कुछ पटाखा विक्रेताओं पर कार्रवाई कर उसे जब्त किया था, लेकिन इसे किसी ने प्रतिबंधित नहीं किया। परिणाम दिवाली की रात मासूमों को भुगतने पड़े। अकेले भोपाल में 124 लोगों की आंखों को इस धमाके से नुकसान पहुंचा है। इसमें से सेवा सदन अस्पताल में 41 मामले आए, हमीदिया अस्पताल में 36, बीएमएचआरसी में 21, एम्स में 13, जवाहर लाल नेहरू गैस राहत अस्पताल में आठ और जेपी अस्पताल में पांच मामले पहुंचे। इन सभी की आखें 30 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक खराब हो गई हैं। छह लोगों की हालत ऐसी है कि अब प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ेगी। भोपाल से लगे विदिशा में 25 लोगों की आंखों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से पांच की रोशनी जाने की आशंका है। ग्वालियर संभाग में 10 और इंदौर में छह लोगों की आंखों को चोट लगने के मामले आए हैं।

    आंखों में इतनी चोट की डाक्टर हैरान

    भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में डॉ. कविता कुमार, डॉ. सूरज कुबरे और डॉ. आदित्य दुबे की टीम ने आरिश (13) और प्रशांत (26) की सर्जरी की। कार्बाइड पटाखे से इनकी आंखे इस तरह झुलस गई थीं कि डाक्टर भी हैरान थे। डाक्टरों ने एम्नियोटिक झिल्ली प्रत्यारोपण और सेलेक्टिव लिम्बल स्टेम सेल ट्रांसप्लांट कर आंखों की रोशनी बचाने की कोशिश की है। इंदौर में एक 12 वर्षीय बालक की आंखों को बचाने के लिए तुरंत सर्जरी की जरूरत पड़ी।

    पीड़ित परिवार ने बताया कैसे हुई दुर्घटना

    बच्चों की जिद पर सोमवार को ही कार्बाइड गन खरीदकर लाया था। शाम के समय नौ साल का बेटा गन चला रहा था। एक दो धमाके के बाद गन चली नहीं तो वह गन के पाइप में कैल्शियम कार्बाइड का टुकड़ा और पानी डालने के बाद उसे हिलाने लगा। इसी दौरान धमाका हो गया। बच्चा असावधान था, गन का मुंह उसी की तरफ घूम गया। धमाके के साथ निकले कैल्शियम कार्बाइड के कुछ टुकड़े उसकी दाहिनी आंख में घुस गए। तत्काल उसे डाक्टर के पास ले गए। उपचार के 24 घंटे बाद उसने आंख खोली है। अब भी सूजन बनी हुई है।

    जानवर भगानें लिए बनाया था जुगाड़, ट्रेंड बन गया

    बताया जा रहा है कि इस जुगाड़ू पटाखा गन को महाराष्ट्र के किसानों ने जानवरों-चिड़ियों को खेत से भगाने के लिए बनाया था। विदिशा में पकड़े गए गन विक्रेताओं में से विनोद मोहरे के रिश्तेदार अजय पवार ने बताया कि विनोद मूलतः पत्थरों की जुड़ाई का काम करता है। पिछले नौ वर्षों से वह दिवाली में इस तरह की गन बनाकर बेचता है। इस बार वह छह साथियों के साथ आया था। पीवीसी के पाइप यहीं खरीदे, लेकिन कैल्शियम कार्बाइड वे लोग महाराष्ट्र से ही लेकर आए थे। इस बार इसकी बिक्री भी पिछले वर्षों की अपेक्षा अधिक हुई। इसे बनाने में 50 रुपये का खर्च था और 150 से 200 रुपये में बिका।

    हादसों के बाद विदिशा में कार्रवाई

    हादसों के बाद विदिशा के सिटी कोतवाली और सिविल लाइंस थाने में विस्फोटक अधिनियम की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया कर ताबड़तोड़ कार्रवाई की। पुलिस ने विनोद मोहिते, हरि सिंह चौहान, अरुण चौहान, दिनेश चौहान, गजानन चौहान, अजय पवार और नीतेश चौहान नाम के विक्रेताओं को गिरफ्तार किया है। ये सभी लोग महाराष्ट्र के बुलढ़ाना जिला स्थित दधम गांव के निवासी हैं। उनके पास से 228 प्लास्टिक गन और करीब चार किलोग्राम कैल्शियम कार्बाइड बरामद किया है। इनका कहना है कि शहर में कार्बाइड पाइप गन के बेचे जाने की जानकारी मिलते ही सभी एसडीएम को निरीक्षण कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। गोविंदपुरा क्षेत्र में प्रशासन, पुलिस संयुक्त टीम ने गन जब्त भी किया। इसको लेकर जांच करवाई जा रही है आगे भी कार्रवाई की जाएगी।