CBSE Notice: छात्रों के थ्योरी और प्रैक्टिकल मार्क्स में काफी अंतर', सीबीएसई ने संबंधित स्कूलों को दिया यह निर्देश
CBSE ने छात्रों के सैद्धांतिक और प्रायोगिक अंकों में काफी अंतर को देखते हुए संबंधित स्कूलों को आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रियाओं की समीक्षा करने का निर्देश दिया है।सीबीएसई ने कहा है कि उसे एआइ की मदद से पिछले वर्षों के परिणाम के आंकड़ों के आधार पर पांच सौ स्कूलों में 50 प्रतिशत या उससे अधिक छात्रों के बीच कुछ विषयों में सैद्धांतिक और प्रायोगिक अंकों के बीच काफी अंतर मिला है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्रों के सैद्धांतिक और प्रायोगिक अंकों में काफी अंतर को देखते हुए संबंधित स्कूलों को आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रियाओं की समीक्षा करने का निर्देश दिया है।
CBSE ने क्या कहा?
सीबीएसई ने कहा है कि उसे एआइ की मदद से पिछले वर्षों के परिणाम के आंकड़ों के आधार पर पांच सौ स्कूलों में 50 प्रतिशत या उससे अधिक छात्रों के बीच कुछ विषयों में सैद्धांतिक और प्रायोगिक अंकों के बीच काफी अंतर मिला है। यह अंतर स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षाओं के दौरान सावधानीपूर्वक मूल्यांकन की आवश्यकता को दर्शाता है। बोर्ड ने ऐसे स्कूलों को अपनी आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रियाओं की समीक्षा करने की सलाह दी है।
शिक्षा की गुणवत्ता में होती है वृद्धि
बोर्ड की सलाह व्यावहारिक परीक्षाओं के मूल्यांकन में निष्पक्षता और सटीकता को प्राथमिकता देने के लिए एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है, जिससे स्कूलों में दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
बोर्ड ने कहा कि यह सलाह व्यावहारिक परीक्षाओं के मूल्यांकन में निष्पक्षता और सटीकता को प्राथमिकता देने के लिए एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है, जिससे स्कूलों में दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

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