प्राकृतिक आपदा से प्रभावित राज्यों को केंद्र से मिली मदद, इन राज्यों को दिए गए 708 करोड़
केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित राज्यों की मदद के लिए तत्पर है। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में असम और गुजरात को बाढ़ और भूस्खलन के लिए 707.97 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता मंजूर की गई है। हरियाणा मध्य प्रदेश और राजस्थान को अग्निशमन सेवाओं के लिए 903.67 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्राकृतिक आपदाओं के समय राज्यों एवं प्रभावित लोगों की मदद के लिए सरकार मजबूती से खड़ी है। बाढ़, भूस्खलन और अन्य विपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों को राहत, पुनर्निर्माण एवं अन्य सहायता के लिए केंद्र ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च-स्तरीय समिति ने 2024 में बाढ़ एवं भूस्खलन से प्रभावित असम और गुजरात को 707.97 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता मंजूर की है।
यह राशि राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) से दी जाएगी, जिसमें असम को 313.69 करोड़ रुपये और गुजरात को 394.28 करोड़ रुपये मिलेंगे। साथ ही हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान को अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 903.67 करोड़ की स्वीकृति दी गई है।
2,024.04 करोड़ रुपये जारी
वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 27 राज्यों को एसडीआरएफ के तहत 13,603.20 करोड़ और 12 राज्यों को एनडीआरएफ के तहत 2,024.04 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसी तरह 21 राज्यों को आपदा न्यूनीकरण कोष से 4,571.30 करोड़ की राशि भी दी गई है। जाहिर है तत्काल राहत के साथ दीर्घकालिक आपदा प्रबंधन और संरचना सुदृढ़ीकरण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर के बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित किसानों को बड़ी राहत दी गई।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त अग्रिम रूप से जारी करते हुए 8.55 लाख किसानों के खातों में 171 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में सरकार किसानों के साथ है। अब तक जम्मू-कश्मीर के किसानों को पीएम-किसान के तहत 4,052 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है।
केंद्र ने राज्य में 5100 क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए 85 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। प्रभावित परिवारों को मनरेगा के तहत 150 दिन की मजदूरी और प्रधानमंत्री आवास योजना से अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। साथ ही बीज, खाद और फसल बीमा के लिए केंद्र तैयार है।
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