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    छत्तीसगढ़: शराब घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य की 61.20 करोड़ की संपत्ति अटैच

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 04:32 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई है। जब्त की गई संपत्तियों में जमीन, प्लॉट, बैंक बैलेंस और एफडी शामिल हैं। चैतन्य बघेल पर शराब सिंडिकेट चलाने और अवैध धन को रियल एस्टेट में निवेश करने का आरोप है।

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    ईडी ने 61.20 करोड़ की संपत्ति अटैच की

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायपुर जोनल कार्यालय ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है। ईडी ने यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत की है।

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    ईडी की जानकारी के अनुसार, अटैच की गई संपत्तियों में 364 आवासीय प्लॉट और कृषि भूमि शामिल हैं, जिनकी कीमत करीब 59.96 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा, 1.24 करोड़ रुपये की बैंक राशि और फिक्स्ड डिपॉजिट भी जब्त किए गए हैं।

    ACB/EOW की FIR पर शुरू हुई थी जांच

    ईडी की जांच ACB/EOW रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी। इस एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    राज्य पुलिस की जांच में सामने आया था कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य को भारी आर्थिक नुकसान हुआ, जबकि लाभार्थियों ने 2500 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई की।

    चैतन्य बघेल को बताया गया था सिंडिकेट का मुखिया

    ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि चैतन्य बघेल, जो तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र हैं, शराब सिंडिकेट के शीर्ष पद पर थे और पूरे अवैध नेटवर्क का संचालन करते थे। वह सिंडिकेट के "हिसाब" (खाते) की देखरेख करते थे और अवैध धन के संग्रह, प्रवाह और वितरण से संबंधित सभी बड़े निर्णय उन्हीं के निर्देश पर होते थे।

    रियल एस्टेट में लगाया अवैध धन

    जांच में यह भी सामने आया कि चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से अर्जित अवैध धन (POC) को रियल एस्टेट व्यवसाय में लगाकर उसे वैध दिखाने की कोशिश की। उन्होंने अपने फर्म एम/एस बघेल डेवलपर्स के तहत “विठ्ठल ग्रीन” नामक प्रोजेक्ट में यह धन लगाया। ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।

    पहले भी 215 करोड़ की संपत्ति अटैच

    इस मामले में ईडी अब तक करीब 215 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को पहले ही अटैच कर चुकी है। नवीनतम कार्रवाई 61.20 करोड़ की संपत्ति की अटैचमेंट उसी का हिस्सा है।

    पूर्व आईएएस और मंत्री भी गिरफ्त में

    इस मामले में ईडी ने पहले ही पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल तिवारी, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर , अरुण पति त्रिपाठी (आईटीएस) और कवासी लखमा (पूर्व आबकारी मंत्री व विधायक) को भी गिरफ्तार किया है। ईडी ने बताया कि आगे की जांच जारी है।