चीन ने दिखाया ट्रंप को ठेंगा! भारत को दिया ये बड़ा ऑफर, देखता रह गया अमेरिका
रूस से तेल खरीद पर अमेरिकी टैरिफ युद्ध के बीच चीन ने भारतीय उत्पादों का स्वागत किया है। चीनी राजदूत ने भारत पर 50% टैरिफ का विरोध किया और चीन को भारत के साथ बताया। उन्होंने कहा कि भारत-चीन एशिया के विकास के दो इंजन हैं जिनके सहयोग से दुनिया को फायदा होगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस से तेल खरीद के चलते अमेरिकी ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत के खिलाफ छेड़ी गई टैरिफ जंग के बीच रूस के बाद अब चीन ने भी कहा है कि भारतीय उत्पादों के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं और हम इनका स्वागत करते हैं। यही नहीं, चीन ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाने के अमेरिकी कदम का कड़ा विरोध किया है और कहा है कि हम इस मामले में पूरी तरह भारत के साथ हैं।
चीन और भारत एशिया के डबल इंजन हैं और इनके बीच सहयोग से पूरी दुनिया को लाभ होगा। भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने यह बातें एक कार्यक्रम के दौरान कहीं। उनकी यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चीन-भारत संबंधों में सुधार के बीच आई है। भारत और चीन के बीच मंगलवार को ही कई मुद्दों पर सहमति बनी थीं। इसमें सीमा पर शांति बनाए रखना, सीमा व्यापार को फिर से खोलना, निवेश प्रवाह को बढ़ावा देना और जल्द से जल्द सीधी उड़ान कनेक्टिविटी को फिर से शुरू करना आदि शामिल है।
'चीन पूरी तरह भारत के साथ'
फेइहोंग ने कहा- 'अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगाया है और इसे बढ़ाने की भी धमकी दे रहा है। चीन इसका पूरा विरोध करता है। चुप रहने से धमकी देने वाले की दबंगई और बढ़ जाती है। चीन पूरी तरह से भारत के साथ है।'
भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार: प्रमुख वस्तुएँ (वित्त वर्ष 2024-25)
भारत से चीन को प्रमुख निर्यात | लौह अयस्क, लाइट नेफ्था, कैस्टर आयल, पी-जाइलीन |
चीन से भारत को प्रमुख आयात | मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्सनल कंप्यूटर, टेलिफोनिक उपकरण, लिथियम आयन, उर्वरक |
भारत और चीन को एशिया के विकास के दो डबल इंजन के तौर पर चिह्नित करते हुए चीनी राजदूत ने कहा-'हम महत्वपूर्ण पड़ोसी होने के साथ ही दो प्रमुख विकासशील देश भी हैं। इतने बड़े दो देशों के बीच सिर्फ सहयोग व एकता से ही साझा विकास हासिल किया जा सकता है। हमारे बीच सहयोग से पूरी दुनिया को फायदा होगा। यह भारत व चीन का उत्तरदायित्व है कि वह एक बराबरी वाले व बहुधुव्रीय विश्व के निर्माण की अगुवाई करें।'
दिल्ली में मिले थे भारत और चीन के विदेश मंत्री
दो दिन पहले नई दिल्ली में भारत व चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई वार्ता और दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझाने के लिए हुई बातचीत को बहुत ही सकारात्मक बताते हुए चीनी राजदूत ने कहा कि इसके बहुत ही अच्छे परिणाम जल्द देखने को मिलेंगे। इस सीमा परिसीमन और बेहतर सीमा प्रबंधन हो सकेगा।
उन्होंने भारत और चीन के बीच आर्थिक सहयोग और बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा -'हम भारत के साथ मिलकर अपनी रणनीतियों और सहयोग का दायरा बढ़ाने के लिए तैयार हैं। हम सभी भारतीय वस्तुओं का चीनी बाजार में स्वागत करते हैं। हमारे बीच सीधी उड़ानों को लेकर बात चल रही है। चीन भारत के साथ मिलकर सभी क्षेत्रों में मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान जारी रखने को तैयार है ताकि हमारे देशों के लोग एक-दूसरे से रिश्तेदारों की तरह मिल सकें।'
चीनी राजदूत ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी की आगामी चीन यात्रा काफी सफल रहेगी। यह यात्रा सिर्फ एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं होगी बल्कि द्विपक्षीय रिश्तों के लिए भी इसका काफी महत्व होगा। दोनों देशों ने एक कार्य दल का गठन किया है जो इस यात्रा को सफल बनाने के लिए काफी मेहनत कर रहा है। हमारे लिए भी मोदी की चीन यात्रा बहुत ही महत्वपूर्ण है।
भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार (वित्त वर्ष 2024-25)
कुल व्यापार | 127.71 अरब डॉलर |
चीन से भारत को निर्यात | 113.46 अरब डॉलर |
भारत से चीन को निर्यात | 14.25 अरब डॉलर |
भारत का व्यापार घाटा | 99.21 अरब डॉलर |
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