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    आज अजीत डोभाल से मिलेंगे चीन के विदेश मंत्री वांग यी, सीमा विवाद के स्थायी हल पर होगी अहम चर्चा

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 06:00 AM (IST)

    चीन के विदेश मंत्री वांग यी के भारत दौरे के दौरान उन्होंने एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की जहाँ सीमा विवाद के स्थायी हल पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री जयशंकर के साथ बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने पर जोर दिया गया। यह दौरा पीएम मोदी के संभावित चीन दौरे से पहले हो रहा है।

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    सीमा वार्ता के विशेष प्रतिनिधि के तौर पर मिलेंगे डोभाल और वांग (फोटो: पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दो दिवसीय भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी मंगलवार को भारत के एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे। दोनों पक्ष सीमा विवाद के स्थायी हल के लिए गठित विशेष दल की वार्ता का नेतृत्व करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार मंगलवार को सुबह 11 बजे वांग और डोभाल की मुलाकात सीमा वार्ता के विशेष प्रतिनिधि (एसआर) के तौर पर होगी।

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    सोमवार को जब वांग यी दिल्ली पहुंचे, तो कुछ ही घंटों बाद जयशंकर के साथ उनकी टीम की मुलाकात हुई। वांग यी के साथ सोमवार को बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने दोनों देशों के रिश्तों से जुड़े तकरीबन हर मुद्दे का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमारे रिश्तों में कठिन समय देखने के बाद दोनों देशों को अब आगे बढ़ने की ओर देखना चाहिए।

    पीएम मोदी भी जाएंगे चीन

    वांग का भारत दौरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संभावित चीन दौरे से पहले अहम माना जा रहा है। इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच भी इस दौरे की कूटनीतिक महत्ता बढ़ गई है। अप्रैल-मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद दोनों देशों के रिश्तों में काफी तनाव आ गया था जिसे अक्टूबर, 2024 में पीएम नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिन¨फग की मुलाकात के बाद ही सुलझाया जा सका।

    रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कारोबारी सलाहकार पीटर नवारो की भारत पर दबाव बनाने वाली टिप्पणियों के बीच भारत, रूस और चीन नई कूटनीतिक इबारत लिखते दिख रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ और बदलती वैश्विक व्यवस्था के मद्देनजर इन तीनों देशों के बीच समीकरण नए स्तर पर पहुंच रहा है।

    बैठक के बाद जयशंकर ने कहा, 'जब दुनिया के दो सबसे बड़े देशों के बीच बैठक हो तो यह लाजिमी है कि अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर चर्चा हो। हम एक निष्पक्ष, संतुलित और बहुधुव्रीय दुनिया के साथ ही बहु-धुव्रीय एशिया चाहते हैं। इसके साथ ही आज बहुदेशीय संगठनों में बदलाव बहुत जरूरी हो गया है। मौजूदा वैश्विक माहौल और वैश्विक आर्थिकी में स्थिरता को बढ़ावा देना भी बहुत जरूरी हो गया है।'

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