अगर आप भी लेते हैं गूगल मैप का सहारा तो हो जाएं सावधान! काल के गाल में समाए 4 लोग
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में एक दुखद घटना घटी। गूगल मैप के सहारे रास्ता खोज रही एक वैन बंद पुलिया से गुजरते हुए नदी में बह गई। नौ लोगों में से पांच को बचा लिया गया लेकिन दो बच्चों समेत चार लोग लापता हैं। परिवार सवाईभोज दर्शन के लिए गया था।अलर्ट जारी किया गया था फिर भी यह हादसा हुआ।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के राशमी थाना क्षेत्र में मंगलवार देर रात बड़ा हादसा हो गया। एक वैन गूगल मैप के सहारे रास्ता खोजते हुए बंद पड़ी सोमी-उपरेडा पुलिया से गुजरते समय तेज बहाव में बह गई।
वैन में सवार नौ लोगों में से पांच को ग्रामीणों और पुलिस ने सुरक्षित निकाल लिया, जबकि चार लोगों की मौत हो गई, जिनमें छोटे बच्चे शामिल हैं।
बीच गड्ढे में फंसी वैन
पुलिस के अनुसार, भूपालसागर थाना क्षेत्र के कानाखेड़ा निवासी गाडरी समाज का एक परिवार सवाईभोज दर्शन के लिए भीलवाड़ा गया था। वापसी में गूगल मैप की मदद से वे सोमी-उपरेडा पुलिया पर पहुंचे, जो तीन साल से बंद पड़ी थी। पुलिया पर पानी का तेज बहाव था और बीच में बने गड्ढे में वैन फंसकर बह गई।
अधिकारी ने बताया, "गूगल मैप्स ने उन्हें बंद पुल की ओर पहुंचा दिया। इस बीच, मातृकुंडिया बांध के गेट खुले होने के कारण पानी ओवरफ्लो हो रहा था। वैन पुल पार करने की कोशिश में फंस गई और अंततः बह गई।"
तीन महिलाओं और एक बच्ची का शव बरामद
थाना प्रभारी देवेंद्र देवल ने कहा कि अब तक तीन महिलाओं और एक चार साल की बच्ची के शव बरामद हो चुके हैं, लेकिन एक और बच्ची अभी भी लापता है। तलाशी अभियान अभी भी जारी है। जो लोग खुद को बचा पाए, उनके पास मोबाइल फोन थे। उन्होंने हमें फोन किया, जिसके बाद हम तुरंत हरकत में आए। यह एक सुनसान इलाका है क्योंकि पुल पिछले तीन सालों से बंद पड़ा था
ग्रामीणों ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया और सूचना पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। नाव मंगवाकर पांच लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि चंदा (21), ममता (25), खुशी (4) और रूत्वी (6) बह गए।
मंगलवार देर रात करीब सवा तीन बजे सिविल डिफेंस की टीम भी मौके पर पहुंच गई, लेकिन अंधेरे के कारण रेस्क्यू अभियान शुरू नहीं हो सका। बुधवार सुबह तलाश अभियान जारी रखा गया।
परिवार को नहीं थी रास्ते की जानकारी
घटना के समय प्रशासन द्वारा मातृकुंडिया बांध से पानी छोड़े जाने पर नदी के बहाव को लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया गया था। पुलिया से जुड़ी सड़कें जेसीबी और पत्थरों से बंद कर दी गई थीं। परिवार लंबे समय से बाहर रह रहा था, इसलिए उन्हें इस बंद रास्ते की जानकारी नहीं थी।
परिवार के एक सदस्य हितेश ने पुलिस को बताया कि भीलवाड़ा में रिश्तेदारों ने उन्हें रात रुकने की सलाह दी थी, लेकिन एक भाभी ने धार्मिक कारण बताते हुए आगे बढ़ने का निर्णय लिया। नतीजतन यह हादसा हो गया।
यह दर्दनाक घटना प्रशासनिक चेतावनी और रिश्तेदारों की सलाह के बावजूद गूगल मैप पर भरोसा करने से हुई, जिससे चार लोगों की जान चली गई।
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