'भगवान से कहिए वे खुद इस मामले में कुछ करें', सीजेआइ ने भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापना से जुड़ी याचिका खारिज कर दी
जनहित याचिका को प्रचार हित याचिका बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खजुराहो में भगवान विष्णु की सात फीट ऊंची मूर्ति की दोबारा स्थापना से जुड़ी याचिका खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान सीजेआइ बीआर गवई ने याचिकाकर्ता से कहा कि वे भगवान से कहें कि वे खुद इस मामले में कुछ करें। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मूर्ति के सिर को नुकसान पहुंचाया गया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। जनहित याचिका को प्रचार हित याचिका बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खजुराहो में भगवान विष्णु की सात फीट ऊंची मूर्ति की दोबारा स्थापना से जुड़ी याचिका खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान सीजेआइ बीआर गवई ने याचिकाकर्ता से कहा कि वे भगवान से कहें कि वे खुद इस मामले में कुछ करें।
पीठ ने याचिका सुनने से इनकार कर दिया
प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने ये कहते हुए याचिका सुनने से इनकार कर दिया कि इसमें केवल प्रचार पाना ही उद्देश्य नजर आता है। जाइए और भगवान से कहिए कि वे खुद कुछ करें। आप खुद को भगवान विष्णु का उपासक कहते हैं तो प्रार्थना करिये और थोड़ा ध्यान लगाइए।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मूर्ति के सिर को नुकसान पहुंचाया
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मूर्ति के सिर को नुकसान पहुंचाया गया है और अदालत से इसके पुनर्निर्माण में हस्तक्षेप की मांग की थी। पीठ ने कहा कि ये मामला पूरी तरह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के अधिकार क्षेत्र में आता है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि एएसआइ ही तय कर सकती है कि इसके पुनर्निर्माण की अनुमति दी जाए या नहीं। तब तक, यदि आप शैव धर्म के विरोधी नहीं हैं तो वहां जाकर पूजा कर सकते हैं। वहां काफी बड़ा शिवलिंग है, जो कि खजुराहो में सबसे बड़ा है।
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