विदाई समारोह में जस्टिस रमणा बोले, अंतिम सांस तक निभाऊंगा संवैधानिक संकल्प; मैं अपनी यात्रा से हूं संतुष्ट
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस रमणा के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया। इस दौरान अपने संबोधन में सीजेआइ ने कहा कि मैं ऐसे जज के रूप में याद किया जाना चाहता हूं जिसने सीनियर और जूनियर को समान रूप से सुना।

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधान न्यायाधीश पद से शुक्रवार को सेवानिवृत्त हुए जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि कार्यकाल का अंत मेरे लिए सिर्फ संवैधानिक कार्यभार की समाप्ति है। अपना संवैधानिक संकल्प मैं अंतिम सांस तक निभाने का प्रयास करूंगा।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस रमणा के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया। इस दौरान अपने संबोधन में सीजेआइ ने कहा, मैं ऐसे जज के रूप में याद किया जाना चाहता हूं, जिसने सीनियर और जूनियर को समान रूप से सुना। मैं चाहता था कि मेरा नाम केस ला और जर्नल्स के बजाय अपने आचरण और व्यवहार से लोगों के दिलों पर अंकित हो। मैं उन धड़कते दिलों में बना रहना चाहता हूं, जो मुझे ऊष्मा देंगे। मैंने आज सुबह कोर्ट रूम नंबर-1 में भावनाओं का ज्वार देखा है।
उन्होंने कहा, 'मैं अपनी यात्रा से संतुष्ट हूं। मैंने कभी विद्वान जज या महान न्यायाधीश होने का दावा नहीं किया। मेरी हमेशा से धारणा रही है कि न्यायिक प्रक्रिया का अंतिम उद्देश्य आम आदमी को न्याय दिलाना है।'
कई यादगार फैसले दिए
-सीजेआइ रमणा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस साल मई में राजद्रोह कानून पर रोक लगा दी। सरकारों से कहा कि समीक्षा होने तक वह इस कानून के तहत केस दर्ज नहीं करे।
-सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत ईडी की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा का आदेश दिया।
-ईडी द्वारा केस की सूचना रिपोर्ट आरोपितों को नहीं देने और अपनी बेगुनाही खुद साबित करने के प्रविधानों की समीक्षा को जरूरी बताया।
-बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में रिहा किए गए 11 दोषियों को पक्षकार बनाने का आदेश दिया। गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया।
-बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत कानून बनने से पहले की तारीख से मामले दर्ज करने पर रोक लगा दी।
न्यायिक प्रणाली मजबूत करने में मीडिया सक्रिय भागीदार
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार जस्टिस रमणा ने न्यायपालिका के बारे में सूचना प्रसारित करने के लिए मीडिया की सराहना की। न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में मीडिया को सक्रिय भागीदार बताया। कहा, आप मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करने में समान भागीदारी निभाते हैं। न्यायपालिका को मजबूत करने में सक्रिय भागीदार होने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। मैं उन सभी पत्रकारों को धन्यवाद देता हूं, जो सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को लगन, कुशलता और तत्परता से कवर कर रहे हैं।
बड़ी संख्या में जजों के खाली पद भरे गए
-सीजेआइ के तौर पर जस्टिस रमणा ने सुप्रीम कोर्ट में रिकार्ड 11 जजों की नियुक्ति सुनिश्चित की। हाई कोर्टो में 220 से ज्यादा जज नियुक्त हुए।
-जस्टिस एसए बोबडे के बाद जब जस्टिस रमणा ने कार्यभार संभाला, तो उच्च न्यायपालिका में बड़ी संख्या में जजों के पद रिक्त थे।
-जस्टिस रमणा के समय पहली बार तीन महिलाओं को एक साथ सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया। सौ नियुक्तियां न्यायाधिकरणों में हुई।

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