एसआईआर सुनवाई में तृणमूल विधायक के परिवार को आयोग का नोटिस, आपत्तियों के निस्तारण के लिए बुलाया गया
बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया चल रही है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पूर्व बर्द्धमान जिले के खंडाघोष से तृणमूल विध ...और पढ़ें

एसआइआर सुनवाई में तृणमूल विधायक के परिवार को आयोग का नोटिस (सांकेतिक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया चल रही है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पूर्व बर्द्धमान जिले के खंडाघोष से तृणमूल विधायक नबीन चंद्र बाग के परिवार को सुनवाई के लिए समन भेजे जाने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
आयोग ने विधायक की मां, भाई और भाभी को मतदाता सूची के मसौदे पर दावों और आपत्तियों के निस्तारण के लिए तलब किया है। मालूम हो कि नबीन 2011 से लगातार विधायक हैं।
मतदाता सूची पर सुनवाई शनिवार से शुरू होगी, जबकि अंतिम सूची का प्रकाशन 14 फरवरी, 2026 को होना है। विधायक नबीन ने इस कदम को राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए सीधे तौर पर भाजपा पर निशाना साधा है।
तर्क दिया कि उनके परिवार के सदस्यों के नाम वर्ष 2002 की मतदाता सूची में भी शामिल थे, जब राज्य में पिछली बार एसआइआर हुआ था। आरोप है कि भाजपा के इशारे पर उन्हें और उनके परिवार को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है, जिससे उनकी बुजुर्ग मां भी दहशत में हैं।
भाजपा के स्थानीय नेतृत्व ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। भाजपा नेता मृत्युंजय चंद्र का कहना है कि तृणमूल विधायक जनता को गुमराह कर रहे हैं।
उनके अनुसार, मतदाता सूची में नाम की स्पेलिंग में विसंगति या अन्य तकनीकी कारणों से किसी को भी सुनवाई के लिए बुलाया जाना एक सामान्य प्रक्रिया है। यह भी कहा कि अवैध मतदाताओं को सूची से बाहर करने की पहल से घबराकर सत्ताधारी दल इस तरह के निराधार आरोप लगा रहा है।

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