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    क्या मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है कबूतरों के प्रभाव? महाराष्ट्र में अध्ययन के लिए समिति गठित का गठन

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Thu, 28 Aug 2025 02:20 AM (IST)

    महाराष्ट्र में कबूतरखानों को बंद करने को लेकर उत्पन्न हुए विवाद के बीच राज्य सरकार ने बांबे हाई कोर्ट के निर्देशानुसार मानव स्वास्थ्य पर कबूतरों के प्रभाव का अध्ययन के लिए एक समिति गठित की है। शहरी विकास विभाग ने 22 अगस्त को एक आदेश जारी कर पुणे के जन स्वास्थ्य सेवा निदेशक विजय कांदेवाड की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश जारी किया।

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    महाराष्ट्र में मानव स्वास्थ्य पर कबूतरों के प्रभाव का अध्ययन के लिए समिति गठित का गठन (सांकेतिक तस्वीर)

     पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र में कबूतरखानों को बंद करने को लेकर उत्पन्न हुए विवाद के बीच राज्य सरकार ने बांबे हाई कोर्ट के निर्देशानुसार मानव स्वास्थ्य पर कबूतरों के प्रभाव का अध्ययन के लिए एक समिति गठित की है।

    हाई कोर्ट ने  एक समिति गठित करने को कहा था

    हाई कोर्ट ने 13 अगस्त को तीन रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार से कबूतरों से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी खतरों और सार्वजनिक स्थानों पर उन्हें दाना डालने के चलन का अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित करने को कहा था।

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    शहरी विकास विभाग ने 22 अगस्त को एक आदेश जारी कर पुणे के जन स्वास्थ्य सेवा निदेशक विजय कांदेवाड की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश जारी किया।

    समिति में ये लोग भी शामिल

    इसके अन्य सदस्यों में बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी, महाराष्ट्र पशु कल्याण बोर्ड, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर), एम्स नागपुर के प्रतिनिधि, मुंबई के श्वसन रोग विशेषज्ञ, सूक्ष्म जीव विज्ञानी और बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

    समिति कबूतरों की बीट के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव, पक्षियों को सार्वजनिक स्थानों पर खिलाने के साथ ही यह अध्ययन करेगी कि क्या जन स्वास्थ्य से समझौता किए बिना निर्दिष्ट स्थानों पर कम मात्रा में दाना खिलाने की अनुमति दी जा सकती है या नहीं।

    समिति को 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है

    समिति को 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। स्वास्थ्य कारणों से दादर में एक कबूतरखाना को बंद करने के बीएमसी के हालिया फैसले का जैन समुदाय के सदस्यों ने विरोध किया था।