'सारी समस्याओं की जड़ RSS, इस पर बैन लगाना चाहिए'; मल्लिकार्जुन खरगे ने क्यों की ये मांग?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, उन्होंने कहा कि देश में कानून व्यवस्था की ज्यादातर समस्याएं भाजपा और आरएसएस से जुड़ी हैं। खरगे ने आरएसएस की विचारधारा को जहर बताया।

RSS इस पर बैन लगाना चाहिए (मल्लिकार्जुन खरगे फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल का हवाला देते आलोचना की और कहा कि आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी पर प्रतिबंध लगा दिया था।
दरअसल, क्रांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश की ज्यादातर कानून-व्यवस्था की समस्याएं भाजपा और आरएसएस से जुड़ी हैं। मेरी निजी राय है कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।" उन्होंने आरएसएस की विचारधारा की तुलना "जहर" से की।
खड़गे ने कहा कि सरदार पटेल ने यह भी कहा था कि सरकारी सेवा में रहते हुए किसी को आरएसएस के लिए काम नहीं करना चाहिए। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस और जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे मोदी सरकार ने 9 जुलाई, 2024 को हटा लिया। हम मांग करते हैं कि इस प्रतिबंध को फिर से लागू किया जाए।
आरएसएस ने महात्मा गांधी की मृत्यु का जश्न मनाया था
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "सरदार पटेल ने देश को एकजुट किया। जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि सरदार पटेल का योगदान बहुत बड़ा था। 4 फरवरी, 1948 को सरदार पटेल ने आरएसएस के बारे में एक पत्र में लिखा था: 'आरएसएस ने गांधीजी की मृत्यु का जश्न मनाया और मिठाइयां बांटीं।' इसके बाद सरकार के पास कोई और विकल्प नहीं था।"
भाजपा ने किया पलटवार
     वहीं, भाजपा ने दशकों तक पटेल के योगदान को नजरअंदाज करने के बाद आरएसएस पर हमला करने के लिए पटेल का हवाला देने पर कांग्रेस की आलोचना की है। भाजपा ने कांग्रेस पर 50 से ज्यादा सालों तक पटेल की अनदेखी करने और उनके योगदान को कम करके आंकने का आरोप लगाया।
आरएसएस एक गैर-राजनीतिक संगठन
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस कभी पटेल के पदचिन्हों पर नहीं चली और अब आरएसएस का विरोध करने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर रही है। शहजाद पूनावाला ने कहा, "कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नहीं है। इसका मतलब भारतीय नाजी कांग्रेस है। उनकी तमाम साजिशों के बावजूद, अदालत ने आरएसएस पर से प्रतिबंध हटा दिया। उन्होंने कहा कि आरएसएस एक गैर-राजनीतिक संगठन है और सरकारी कर्मचारी उनकी गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। लेकिन कांग्रेस इतनी असहिष्णु है कि वे पीएफआई, एसडीपीआई और एमआईएम के दंगाइयों के साथ खड़ी हैं, लेकिन आरएसएस के खिलाफ जहर उगलती हैं, जो देश के कल्याण के लिए काम कर रहा है।"

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