दान में मिले 199 करोड़ रुपये पर कांग्रेस को देना होगा टैक्स, ट्रिब्यूनल ने खारिज कर दी अपील
कांग्रेस पार्टी को 199 करोड़ रुपये के पार्टी फंड पर इनकम टैक्स देना होगा। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने आयकर रिटर्न देर से दाखिल करने और नकद दान सीमा के उल्लंघन के कारण कांग्रेस के छूट के दावे को खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने निर्धारित तिथि के बाद आयकर रिटर्न दाखिल किया था जिससे छूट का दावा अमान्य हो गया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस को पार्टी फंड में पड़े 199 करोड़ रुपये पर इनकम टैक्स देना होगा। इसके लिए पार्टी को राहत नहीं मिली है। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण या आईटीएटी ने आयकर रिटर्न देर से दाखिल करने और नकद दान सीमा के उल्लंघन के कारण पार्टी के छूट के दावे को खारिज कर दिया है।
आईटीएटी ने कहा, "2.02.2019 को दाखिल किया गया करदाता का रिटर्न, छूट के लिए पात्र बनाने हेतु निर्धारित तिथि के भीतर नहीं है।" कांग्रेस ने 31 दिसंबर, 2018 की निर्धारित तिथि से काफी पहले 2 फरवरी, 2019 को अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया था और शून्य आय घोषित की थी। साथ ही, उसने 199.15 करोड़ रुपये की कर छूट का दावा भी किया था।
ट्रिब्यूनल ने क्यों खारिज कर दी अपील?
लेकिन सितंबर 2019 में, मूल्यांकन अधिकारी को जांच के दौरान पता चला कि पार्टी ने 14.49 लाख रुपये के नकद दान स्वीकार किए थे, जिनमें से कई दान कानून के तहत प्रति दाता 2,000 रुपये की सीमा से अधिक थे। 2000 रुपये से ज्यादा का दान चेक या बैंक ट्रांसफर जैसे बैंकिंग चैनलों के माध्यम से दिया जाना है। उसी के हिसाब से पूरी राशि पर टैक्स लगाया गया।
कांग्रेस ने कब की थी अपील?
जब कांग्रेस ने छूट मांगी तो आईटी विभाग ने 2021 में दावे को अस्वीकार कर दिया। मार्च 2023 में आयकर आयुक्त (अपील) ने निर्णय को बरकरार रखा। ट्रब्यूनल के पास कांग्रेस ने तब अपील की थी, जब पिछले साल कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया गया था।
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