CJI पर जूता उछालने वाले वकील की बढ़ेंगी मुश्किलें, अवमानना का मुकदमा चलाने की AG से मिली मंजूरी
सीजेआई जस्टिस बीआर गवई पर जूता उछालने वाले वकील राकेश किशोर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अटॉर्नी जनरल ने वकील के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मंजूरी दे दी है। 6 अक्तूबर को वकील राकेश किशोर ने कोर्ट की कार्यवाही के दौरान सीजेआई पर जूता उछालने की कोशिश की थी। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर दीवापली की छुट्टी के बाद सुनवाई करेगा।

CJI पर जूता उछालने वाले वकील की बढ़ेंगी मुश्किलें। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के सीजेआई जस्टिस बीआर गवई पर जूता उछालने वाले वकील राकेश किशोर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। इस घटना को अंजाम देने वाले वकील पर न्यायालय की अवमानना करने का मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हो गया है।
दरअसल, अटॉर्नी जनरल ने वकील राकेश किशोर के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई शुरू करने को मंजूरी दे दी है। बता दें कि 6 अक्तूबर को वकील राकेश किशोर ने कोर्ट की कार्यवाही के दौरान सीजेआई पर जूता उछालने की कोशिश की थी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट दीवापली की छुट्टी के बाद सुनवाई करेगा।
जूता उछालने वाले वकील पर अवमानना का मुकदमा चलाने की तैयारी
जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के चीफ और सीनियर वकील विकास सिंह ने अनुरोध किया कि वकील राकेश किशोर के खिलाफ कंटेम्प्ट केस की सुनवाई की जाए। इस दौरान कहा गया कि 6 अक्तूबर को हुई इस घटना ने सभी को परेशान कर दिया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर तमाम बातें वायरल होने लगीं।
सोशल मीडिया पर अंकुश की अपील
इस घटना का जिक्र करते हुए सॉलिसीटर तुषार मेहता ने कोर्ट से सोशल मीडिया पर रोक लगाने का ऑर्डर पास करने की अपील की। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस मामले पर विभिन्न प्रकार के कमेंट किए जा रहे हैं। इस पर बेंच ने कहा कि बोलने की आजादी सभी को है, लेकिन दूसरों की ईमानदारी और इज्जत को ताक पर रख कर बोलने की आजादी नहीं दी जा सकती है।
CJI पर वकील ने उछाला था जूता
उल्लेखनीय है कि 6 अक्तूबर को 71 साल के किशोर ने CJI की तरफ उनके कोर्टरूम में जूता उछाला। इस घटना ने सभी को सन्न कर दिया। इस घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने तुरंत उनका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया।
सीजेआई ने दिया था ये जवाब
बता दें कि इस घटना के बाद सीजेआई की प्रतिक्रिया सामने आई थी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना से उन्हें फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कोर्ट के अधिकारियों और कोर्टरूम के अंदर मौजूद सिक्योरिटी वालों से कहा कि वे इसे बस इग्नोर करें और गलती करने वाले वकील को चेतावनी देकर छोड़ दें। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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