चक्रवात मोंथा से बदलेगा देश का मौसम, अगले 5 दिन इन राज्यों में बारिश की चेतावनी; आया IMD का अपडेट
बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात 'मोंथा' और अरब सागर में बन रहे दबाव के कारण देश के मौसम में बदलाव आएगा। अगले पांच दिनों तक कई राज्यों में बारिश की चेतावनी जारी की गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने आंध्र प्रदेश को मदद का आश्वासन दिया है। चक्रवात से कृषि पर भी असर पड़ने की आशंका है। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

देश का एक बड़ा हिस्सा बारिश और तेज हवाओं की चपेट में रहेगा (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात मोंथा और अरब सागर के ऊपर बन रहे गहरे दबाव के साथ उत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों में सक्रिय होने जा रहे पश्चिमी विक्षोभ ने देश के मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है। अगले चार से पांच दिनों तक देश का एक बड़ा हिस्सा बारिश और तेज हवाओं की चपेट में रहेगा।
मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बना यह सिस्टम सोमवार शाम तक गंभीर चक्रवात का रूप ले चुका है और इसकी रफ्तार 88 किमी प्रतिघंटा तक पहुंच गई है। मंगलवार तक यह और तीव्र होकर 110 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तट से टकरा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस स्थिति पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से फोन पर बात की और केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
उत्तर भारत के कई हिस्सों में मौसम बदलेगा
चक्रवात के असर से पूर्वी तटवर्ती राज्यों आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है। वहीं, इसके उत्तर की ओर बढ़ने से मध्य भारत और उत्तर भारत के कई हिस्सों में मौसम अचानक बदल जाएगा। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली-एनसीआर तक इसका असर महसूस किया जाएगा। मौसम विभाग ने 29 से 31 अक्टूबर के बीच इन राज्यों में गरज-चमक के साथ बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास चक्रवात मोंथा का लैंडफॉल शुरू होगा। अभी से ही तटीय जिलों राजामुंद्री, विशाखापत्तनम और मछलीपट्टनम में तेज बारिश और झंझावाती हवाओं का असर दिखने लगा है। आंध्र प्रदेश के सभी जिलों में सतर्कता बरतने और राहत दलों को तैनात रखने के निर्देश दिए गए हैं। एनडीआरएफ टीमें तैनात कर दी गई हैं। कृषि पर भी इसका प्रभाव गंभीर हो सकता है। दक्षिण और मध्य भारत के राज्यों में खरीफ फसलों की कटाई पर असर पड़ेगा, जबकि उत्तर भारत में रबी फसलों की बुआई में विलंब की आशंका है।
इस मौसम का पहला चक्रवाती तूफान
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के दौरान एक भी तूफान नहीं आया था, इसलिए यह इस मौसम का पहला चक्रवाती तूफान है, जिसका असर एक साथ अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और उत्तर के पर्वतीय क्षेत्रों तक देखा जाएगा। इस बीच, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से हिमालयी राज्यों में भी मौसम बदलेगा। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र भी मजबूत हो रहा है, जो अगले 48 घंटों में पूर्व-मध्य अरब सागर की ओर बढ़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि तीनों सिस्टम के एक साथ सक्रिय होने से देशभर में मौसम का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा और ठंड के आगमन की प्रक्रिया भी तेज हो सकती है।

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