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    Delhi Blast: 5 लोग, 5 परिवार और टूट गए सपने... पीड़ितों का दर्द सुन कांप जाएगी रूह 

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 06:08 PM (IST)

    दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके से शहर दहल गया। इस आतंकी हमले में 9 लोगों की जान गई और 20 से ज्यादा घायल हुए। मरने वालों में पंकज सैनी, नोमान और अशोक कुमार जैसे निर्दोष लोग शामिल हैं, जो अपने परिवारों के लिए कमाने वाले थे। गृह मंत्रालय ने जांच एनआईए को सौंपी है।

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    दिल्ली में लाल किला के पास एक बड़ा धमाका हुआ। (फोटो- पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार शाम को दिल्ली दहल उठी। लाल किला के पास हुए विस्फोट ने राष्ट्रीय राजधानी को हिला दिया। इस आतंकी हमले में कम से कम 9 लोगों की जान गई है और 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों का उपचार अस्पताल में चल रहा है।

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    दिल्ली में हुए इस आतंकी हमले की जांच एनआईए करेगी। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इस हमले ने सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। इस आतंकी हमले ने उन नौ परिवारों की दुनिया ही पलट दी, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है।

    हमले निर्दोषों की दुनिया उजड़ी

    इस हमले में कई ऐसे निर्दोष लोगों की जान गई है, जो अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे। इनमें से ही एक थे मूल रूप से बिहार के रहने वाले पंकज सैनी, जो दिल्ली में टैक्सी चलाते थे। वह एक यात्री को चांदनी चौक पर छोड़ने के लिए आए थे। वहीं, यूपी के शामली के नोमान अपनी कॉस्मेटिक्स की दुकान के लिए सामान खरीदने के लिए चांदनी चौक पहुंचे थे। वहीं, डीटीसी में कंडक्टर का काम करने वाले अशोक कुमार भी उसी इलाके में किसी से मिलने के लिए पहुंचे थे।

    एक ब्लास्ट और बिखर कई परिवारों की दुनिया

    इन सभी के लिए यह एक सामान्य दिन था। किसी को नहीं पता था कि इनके साथ अगले ही कुछ देर में क्या होने वाला है। शाम 6.50 बजे ट्रैफिक में एक i20 कार आई और एक जोरदार धमाका हुआ, जिससे वहां मौजूद अन्य वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इस हमले ने 9 लोगों की जान ले ली। 20 से अधिक लोग हुए घायल।

    टैक्सी चालक पंकज सैनी अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे। उनके पिता दिल्ली को लोकनायक अस्पताल में अपने छोटे बेटे का शव लेने पहुंचे। उन्होंने भावुक होते हुए मीडिया से कहा कि मैं क्या कहूं? पंकज चांदनी चौक पर अपनी टैक्सी से एक यात्री को उतार ही रहा था कि ये घटना हुई। उन्होंने कहा हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।

    इसी तरीके से अशोक भी अपने परिवार में अकेला कमाने वाला सदस्य था। मूल रूप से वह अमरोहा का रहने वाला अशोक अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दिल्ली के जगतपुरा इलाके में रहता था। वह दिल्ली परिवहन निगम का कर्मचारी थे। वह किसी काम से चांदनी चौक इलाके में आए थे, इसी दौरान यह हादसा हुआ। इस हमले कुछ घंटे बाद अशोक के चचेरे भाई ने बताया कि पीड़ितों की सूची में अपने भाई का नाम देखा। जिसे देखकर मैं हैरान हो गया।

    दुकान के लिए सामान खरीदने पहुंचे और फिर नहीं लौटे

    इसी तरीके पीड़ितों की लिस्ट में शामली के नोमान का भी नाम शामिल है, जो अपनी दुकान के लिए कॉस्मेटिक का समान लेने के लिए आए थे। इस हमले में नोमान की भी मौत हो गई। वहीं, उसके साथ मौजूद उसका छोटा भाई गंभीर रूप से घायल हो गया।

    वहीं, पीड़ितों में यूपी के श्रावस्ती के रहने वाले दिनेश कुमार मिश्रा का नाम भी शामिल है। दिनेश मिश्रा एक निमंत्रण पत्र बेचने वाली दुकान पर काम करते थे। हमले में उनकी भी मौत हो गई। दिनेश मिश्रा की पत्नी ने कहा कि मैंने अपना सब कुछ खो दिया। उनकी पत्नी ने कहा कि मैंने टीवी पर दिल्ली में ब्लास्ट की खबर को देखा।

    बता दें कि ब्लास्ट इतना भीषण था कि अभी भी कई शवों की पहचान नहीं की जा सकी है। लोकनायक अस्पताल के बाहर भारी सन्नाटा पसरा है। कई पीड़ितों के परिवार के सदस्य अस्पताल के बाहर मौजूद हैं। 

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