दिल्ली ब्लास्ट: कानपुर से तुर्किये तक... NIA के हाथ कितने सबूत, लाल किले के पास हमले में अब तक क्या-क्या हुआ?
दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच NIA कर रही है, जिससे अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश का पता चला है। जांच में पता चला है कि यह हमला 'स्पेक्टैक्युलरस्ट्राइक' का हिस्सा था। साजिश का मास्टरमाइंड डॉ. उमर मोहम्मद था, जो तुर्किये स्थित हैंडलर 'उकासा' के संपर्क में था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. मुजफ्फर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में है, और पंजाब पुलिस ने ISI से जुड़े एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है।
-1763037641047.webp)
लाल किले के पास हमले में अब तक क्या-क्या हुआ (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में लाल किले के पास हुआ बड़ा धमाका अब एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश के रूप में सामने आ रहा है। जांच में पता चला है कि यह हमला 'स्पेक्टैक्युलरस्ट्राइक' यानी बड़े पैमाने पर कई शहरों में एक साथ किए जाने वाले धमाकों की योजना का हिस्सा था।
यह भयानक धमाका एक बड़े आतंकी नेटवर्क की परतें खोल रहा है। जांच में सामने आया है कि इस साजिश का मास्टरमाइंड डॉ. उमर मोहम्मद जिसे डॉ. उमर उन नबी के नाम से भी जाना जाता है, वो तुर्किये स्थित हैंडलर 'उकासा' के संपर्क में था।
अब जांच NIA के हाथों में है। तीन डॉक्टरों को फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिट से हिरासत में लिया गया है, जहां डॉ. उमर काम करता था। जांच टीम अब उस कार की खरीद-बिक्री और उसके मूवमेंट की पूरी जानकारी खंगाल रही है।
16 घंटे की भागदौड़ और मौत की ड्राइव
CCTV फुटेज से पता चला है कि डॉक्टर उमर ने दिल्ली आने से पहले मेवात, फिर फिरोजपुर झिरका तक का सफर तय किया। उसने रात को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर एक ढाबे पर रुककर कार में ही सोया था। अगले दिन सुबह उसने दिल्ली में कई जगहों से होकर गाड़ी चलाई, जिसमें दक्षिण-पूर्वी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, फिर सेंट्रल और नॉर्थ दिल्ली शामिल है।
शाम करीब 7 बजे जब वह लाल किले के पास लाल बत्ती पर रुका, तभी कार में जोरदार धमाका हुआ। i20 कार आग का गोला बन गई और 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें उमर खुद भी शामिल था।
तुर्की कनेक्शन और दिसंबर 6 की साजिश
NIA और दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि यह साजिश तुर्किये में 2022 में रची गई थी। डॉक्टर उमर उसी साल मार्च में अंकारा गया था, जहां उसे उकासा नाम के हैंडलर से निर्देश मिले, जो जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़ा बताया जा रहा है। दोनों डॉक्टर टेलीग्राम और फिर एनक्रिप्टेड ऐप्स पर संपर्क में थे। उनका लक्ष्य था कि दिसंबर 6 और फिर गणतंत्र दिवस 2026 पर दिल्ली और अयोध्या में बड़े धमाके किए जाएं।
डॉ. मुजफ्फर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने काजीगुंड के डॉ. मुजफ्फर के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनका नाम आठ गिरफ्तार आरोपियों की पूछताछ में सामने आया है, जिनमें उनका भाई भी शामिल है।
जांच में पता चला है कि मुजफ्फर 2021 में कुछ डॉक्टरों के साथ तुर्किये गया था। अगस्त में वह दुबई भाग गया और अब माना जा रहा है कि वह अफगानिस्ता में छिपा है। बता दें, दिल्ली धमाके के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और गृहमंत्री आशीष सूद ने अमित शाह से मुलाकात कर घटना पर चर्चा की है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की जांच तेज
फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी अब जांच एजेंसियों के निशाने पर है। पुलिस ने यूनिवर्सिटी परिसर से जमीन और बिल्डिंग से जुड़े कई दस्तावेज जब्त किए हैं। यूनिवर्सिटी के चेयरमैन और वाइस चांसलर जव्वाद अहमद सिद्दीकी हैं।
चार डॉक्टर- डॉ. मुजम्मिल गनई, डॉ. अदील अहमद राठर, डॉ. शाहीना शाहिद अंसारी और डॉ. उमर नबी पर आरोप है कि उन्होंने 26 लाख रुपये जुटाकर विस्फोटक खरीदे थे। इस रकम का जिम्मा डॉ. उमर को दिया गया था। उमर अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था और पुलवामा का रहने वाला था। यह वही व्यक्ति था जो धमाके के वक्त i20 कार चला रहा था।
'शाम 4 बजे के बाद शुरू होता था असली काम'
इस ब्लास्ट की मुख्य आरोपी डॉ. शाहीना फरीदाबाद के अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज में काम करती थी, उसने पूछताछ में बताया कि उनका असल काम शाम 4 बजे के बाद शुरू होता था। सूत्रों के मुताबिक, वह जैश-ए-मोहम्मद (JeS) की महिला विंग की प्रमुख बताई जा रही है।
उसके पास से मिसबाहा (तस्बीह) और हदीस की किताब मिली है। सहकर्मियों के अनुसार वह अजीब स्वभाव की थी और बिना बताए परिसर से निकल जाया करती थी। इस बीच, संस्थान ने बयान जारी कर कहा है कि उसका किसी आतंकी गतिविधि से कोई संबंध नहीं है और वह जांच में पूरा सहयोग कर रहा है।
पंजाब पुलिस की बड़ी कार्रवाई
पंजाब पुलिस ने गुरुवार को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े एक ग्रेनेड हमले की साजिश रचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट ने विदेशी हैंडलरों से जुड़े इस नेटवर्क को पकड़ा, जो पंजाब में अशांति फैलाने की साजिश कर रहा था। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के संपर्क पाकिस्तान बैठे हैंडलरों से थे।
सहारनपुर के डॉक्टर के घर से मिली फ्लाइट टिकट
इस बीच, सहारनपुर में गिरफ्तार डॉक्टर आदिल अहमद के घर से श्रीनगर से दिल्ली की फ्लाइट टिकट बरामद हुई है। अधिकारियों ने बताया कि यह टिकट 31 अक्टूबर की यात्रा तिथि वाली है और डॉ. आदिल अहमद के नाम पर है। इसे उनके किराए के घर, अंबाला रोड स्थित अमन विहार कॉलोनी में कचरे के ढेर से बरामद किया गया। घर को पुलिस ने सील कर दिया है और फॉरेंसिक जांच के लिए टिकट जब्त कर ली गई है। जांचकर्ता अब आदिल की दिल्ली में मौजूदगी और ब्लास्ट से संभावित कनेक्शन की जांच कर रहे हैं।
गिरफ्तार डॉक्टर की पूर्व पति ने दी प्रतिक्रिया
इस केस में हिरासत में ली गई डॉ. शाहीन शाहिद अंसारी के पूर्व पति डॉ. जाफर हयात ने कहा है कि उनका 2013 में तलाक के बाद शाहीन से कोई संपर्क नहीं रहा। डॉ. हयात कानपुर में नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं, उन्होंने बताया कि शादी के दौरान कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी। हालांकि, शाहीन कई बार ऑस्ट्रेलिया या यूरोप जाने की बात करती थीं, लेकिन उन्होंने भारत में ही रहने का फैसला किया। तलाक के बाद शाहीन अपने दो बेटों को छोड़कर चली गईं और फिर कोई संपर्क नहीं किया।
दिल्ली ब्लास्ट मामले का कानपुर कनेक्शन
दिल्ली ब्लास्ट मामले में यूपी एटीएस में कानपुर से एक डॉक्टर को उठाया है। डॉ. आरिफ मीर कानपुर के कार्डियोलॉजी अस्पताल में रेजीडेंट डॉक्टर के रूप में काम कर रहे थे और उस पर दिल्ली ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार डॉ. शाहीन के संपर्क में रहने का आरोप है। उधर, हापुड़ के पिलखुवा के जीएस मेडिकल कॉलेज के प्रसूति विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. फारूख अहमद डार को दिल्ली पुलिस ने उठाया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।