सीक्रेट चैट से खुलेंगे राज, हथियारों का भी मिला सुराग... दिल्ली विस्फोट से जुड़े आतंकी मॉड्यूल की Inside Story
दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट की जांच में आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ है। डॉ. उमर से जुड़े मॉड्यूल में एन्क्रिप्टेड संचार और हथियारों की आवाजाही के सबूत मिले हैं। जांच में वित्तीय सहायता, कश्मीरी युवकों की भर्ती और हथियारों के व्यवस्थित संचलन का पता चला है। सुरक्षा एजेंसियां मामले की गहराई से जांच कर रही हैं।

दिल्ली ब्लास्ट केस का अपडेट। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट के मामले की जांच तेजी से चल रही है और आतंकी मॉड्यूल की परतें खुल रही हैं। इसी क्रम में डॉ. उमर से जुड़े आतंकी मॉड्यूल की जांच कर रहे जांचकर्ताओं को एक संगठित आंतरिक संरचना, एन्क्रिप्टेड संचार चैनलों और हथियारों की समन्वित आवाजाही के सबूत मिले हैं।
सुरक्षा एजेंसियों ने डॉ. उमर की पहचान विस्फोटकों से भरी कार चलाने वाले के रूप में की है, जो 10 नवंबर को लाल किले के मेट्रो स्टेशन के पास ब्लास्ट हुई थी। सूत्रों के अनुसार, उमर ने लगभग तीन महीने पहले एक स्पेशल कैरेक्टर वाले नाम का इस्तेमाल करके एक सिग्नल ग्रुप बनाया था। उसने मुजम्मिल, अदील, मुजफ्फर और इरफान को इस एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफॉर्म से जोड़ा, जिसके बारे में जांचकर्ताओं का मानना है कि इसका इस्तेमाल इंटरनल को ऑर्डिनेशन के लिए किया जाता था।
जांच में क्या खुलासा हुआ?
मामले में एक प्रमुख संदिग्ध डॉ. शाहीन की कार से एक क्लाश्निकोव राइफल और एक पिस्टल सहित हथियारों की एक खेप बरामद होने के बाद एक बड़ा सुराग सामने आया। जांच से पता चला है कि उमर ने हथियार खरीदे और 2024 में उन्हें इरफान को सौंप दिया। सूत्रों ने बताया कि डॉ. शाहीन ने पहले भी डॉ. मुजम्मिल के साथ मुफ्ती इरफान के कमरे में जाकर यही हथियार देखे थे। यह भी संदेह है कि उसने ग्रुप की एक्टिविटी में सबसे ज्यादा वित्तीय योगदान दिया है।
कश्मीर युवाओं की भर्ती का काम किसे सौंपा गया?
जांच से भूमिकाओं का विभाजन स्पष्ट हुआ है। इस मॉड्यूल के लिए वित्तीय सहायता मुख्य रूप से तीन डॉक्टरों, खासकर मुजम्मिल को संभालनी थी। कश्मीरी युवकों की भर्ती का काम इरफान उर्फ मुफ्ती को सौंपा गया था, जो कथित तौर पर आरिफ निसार डार उर्फ साहिल और यासिर उल अशरफ को लेकर आया था, दोनों को अब गिरफ्तार कर लिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि जांच में हथियार संबंधी गतिविधियों के कई मामले दर्ज किए गए हैं। अक्टूबर 2023 में डॉ. अदील और डॉ. उमर एक बैग में राइफल लेकर मस्जिद अली में इरफान से मिलने गए और बैरल साफ करने के बाद चले गए।
नवंबर 2023 में अदील फिर से इरफान के घर राइफल लेकर पहुंचा। बाद में डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन शाहिद भी शामिल हो गए। उन्होंने हथियार इरफान के पास छोड़ दिया। जांचकर्ताओं ने बताया कि अदील अगले दिन वापस आया और हथियार ले गया।
अधिकारियों का क्या कहना है?
अधिकारियों ने कहा कि जांच एक समन्वित नेटवर्क की ओर इशारा करती है, जिसमें वित्तपोषण, भर्ती और व्यवस्थित हथियार संचलन शामिल है, जो एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्मों और विश्वसनीय व्यक्तिगत लिंक के माध्यम से संचालित होता है।
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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