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    दिल्ली को दहलाने में था जैश-ए-मोहम्मद का हाथ? पाकिस्तान से हवाला के जरिए भेजे गए थे 20 लाख रुपये

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 12:29 PM (IST)

    दिल्ली में हुए धमाके का कनेक्शन जैश-ए-मोहम्मद से सामने आया है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, जैश ने भारत में आतंक फैलाने के लिए हवाला के जरिए तीन संदिग्ध डॉक्टरों, उमर, मुजम्मिल और शाहीन को 20 लाख रुपये भेजे थे। इन पैसों में से 3 लाख रुपये से 26 क्विंटल NPK केमिकल खरीदा गया, जिसका इस्तेमाल विस्फोटक बनाने में किया जा सकता है। डॉ. मुजम्मिल इस साजिश का मास्टरमाइंड था। धमाके में 12 लोगों की मौत हुई थी और पुलिस मामले की जांच कर रही है।  

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    जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लाल किले के सामने हुए धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। 14 साल बाद देश की राजधानी में भयानक विस्फोट हुआ था, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। दिल्ली ब्लास्ट को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। वहीं, अब इस आतंकी हमले का कनेक्शन जैश-ए-मोहम्मद से निकला है।

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    खुफिया सूत्रों के अनुसार, जैश ने भारत में आतंक का जाल फैलाने के लिए 20 लाख रुपये खर्च किए थे। यह पैसे तीन संदिग्ध डॉक्टरों को भेजे गए थे, जिनमें उमर, मुजम्मिल और शाहीन का नाम शामिल है।

    हवाला से भेजी गई रकम

    खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार, यह रकम हवाला के जरिए पाकिस्तान से भारत में भेजी गई थी। जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर ने हवाला नेटवर्क से तीनों डॉक्टरों को आतंकी साजिश रचने के लिए पैसे दिए थे। वहीं, जांच एजेंसियां अब हवाला नेटवर्क तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।

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    डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन। फाइल फोटो

    3 लाख का विस्फोटक खरीदा

    संदिग्ध डॉक्टरों ने 20 लाख में से 3 लाख रुपये से 26 क्विंटल NPK (Nitrogen Phosphorus and Potassium) केमिकल खरीदने में खर्च कर दिए थे। आमतौर पर इस केमिकल का इस्तेमाल खाद के रूप में खेती के लिए किया जाता है। वहीं, इससे विस्फोटक पदार्थ भी बनाया जा सकता है।

    सूत्रों के अनुसार, बाकी पैसों को लेकर शाहीन और उमर के बीच झगड़ा शुरू हो गया था। हालांकि, इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड डॉक्टर मुजम्मिल था। दिल्ली पुलिस ने सूत्रों के हवाले से इस बात की पुष्टि की है कि धमाके वाली जगह से 2 जिंदा कारतूस समेत 3 कारतूस, 9 मिलीमीटर की कैलिबर और बंदूक बरामद की गई है।

    पुलिस का कहना है,

    इस तरह की कारतूसों का इस्तेमाल सुरक्षाबल या खास अनुमति के बाद कुछ सीमित लोग ही कर सकते हैं। धमाके वाली जगह पर कोई पिस्तौल नहीं मिली है। वहीं, 3 में से 2 जिंदा कारतूस थे और 1 खाली था। इससे पता चलता है कि कारतूस तो मिल गया, लेकिन जिस बंदूक से इस कारतूस को दागा गया था, वो अभी तक नहीं मिल सका है।

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    जांच में जुटी पुलिस

    पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह कारतूस राजधानी में कैसे पहुंचे, इसकी जांच की जा रही है। पुलिस सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है, साथ ही धमाके वाली जगह की फोरेंसिक जांच जारी है। बता दें कि इस हमले में 12 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल थे।

    (समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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