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    'छोड़ दें दिल्ली', बेहद खतरनाक हुई राजधानी की हवा; डॉक्टरों ने किया अलर्ट

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 10:43 PM (IST)

    दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है, जिससे बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। चिकित्सकों ने लोगों को 6-8 सप्ताह के लिए शहर छोड़ने की सलाह दी है। अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। प्रदूषण हृदय रोगियों के लिए खतरा बन गया है। लोग स्वच्छ हवा की तलाश में पहाड़ों की ओर जा रहे हैं। ट्रैवल एजेंसियों के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों की बुकिंग में वृद्धि हुई है।

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    दिल्ली में प्रदूषण का कहर (फाइल फोटो)

    अनूप कुमार सिंह, जागरण, नई दिल्ली। इन दिनों दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है। प्रदूषण कम करने के तमाम सरकारी प्रयास और दावे कमतर साबित हो रहे हैं। प्रदूषण के कारण बीमार लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इससे चिंतित चिकित्सक अब सलाह दे रहे हैं कि अगर आपको सुरक्षित रहना है, तो अस्थायी रूप से छह से आठ सप्ताह के लिए दिल्ली छोड़ दें और किसी स्वच्छ हवा वाली जगह पर चले जाएं।

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    स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली के 69 प्रतिशत घरों में कम से कम एक व्यक्ति खांसी, जुकाम या बुखार से पीडि़त है। अस्पतालों की ओपीडी में सांस रोगियों की संख्या पिछले दो हफ्तों में 40 प्रतिशत तक बढ़ गई है।दिल्ली इस वक्त प्रदूषण और संक्रमण के दोहरी मार से जूझ रही है। प्रदूषण व संक्रमण न सिर्फ फेफड़ों बल्कि हृदय को भी नुकसान पहुंचा रहा है। प्रदूषण घरों के अंदर भी पहुंच गया है।

    चिकित्सकों ने क्या कहा?

    एयर प्यूरीफायर चलाने के बावजूद दरवाजा खुलते ही घर के अंदर की हवा कुछ मिनट में बाहरी जहरीले धूलकणों से भर जा रही है। चिकित्सकों का कहना है कि जब व्यक्ति साफ हवा में रहने के बाद अचानक प्रदूषित हवा में जाता है तो शरीर पर झटका लगता है। इससे गले में खराश, खांसी, छाती में जकड़न और सांस फूलने जैसी समस्याएं तुरंत शुरू हो जाती हैं।

    दिल का दौरा पड़ने की आशंका

    एम्स के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. गोपीचंद खिलनानी कहते हैं, 'वायु प्रदूषण का असर केवल फेफड़ों तक सीमित नहीं है। यह हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे और प्रतिरक्षा तंत्र पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है। हृदय रोगियों के लिए यह स्थिति अत्यंत खतरनाक है, ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और दिल का दौरा पड़ने की पूरी आशंका रहती है।

    द्वारका मैक्स अस्पताल के डा. मनीष गर्ग के अनुसार दिल्ली में इस समय हर तीन में से दो मरीज खांसी, बुखार या सांस की तकलीफ से जूझ रहे हैं। प्रदूषण और वायरस दोनों मिलकर फेफड़ों पर दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने सलाह दी है कि जिन लोगों को पुरानी सांस या हृदय संबंधी बीमारी है, वे छह से आठ सप्ताह के लिए दिल्ली से बाहर किसी स्वच्छ हवा वाले स्थान पर चले जाएं। उनका कहना है कि हर किसी का ऐसा कर पाना संभव नहीं है, लेकिन जो सक्षम हैं उन्हें अवश्य ऐसा कर लेना चाहिए।

    स्वच्छ हवा के लिए पहाड़ों का रुख

    जहरीली हवा से परेशान लोग अब अस्थायी तौर पर दिल्ली छोड़ने लगे हैं। ट्रैवल एजेंसियों के अनुसार पिछले पखवाड़े में पहाड़ी क्षेत्रों की बुकिंग में 35 से 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। गंगोत्री ट्रैवल्स के अर्जुन सैनी बताते हैं कि लोग हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल, मुक्तेश्वर, मसूरी, रानीखेत, नरेंद्र नगर, टिहरी और धनौल्टी जैसी जगहों की ओर जा रहे हैं। एजेंसी वांडरआन और थ्रिलोफिलिया के अनुसार, छह घंटे की दूरी वाले क्षेत्र में 62 प्रतिशत और फ्लाइट बुकिंग में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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