'असली काम 4 बजे के बाद', दिल्ली धमाके की आरोपी डॉ. शाहीन सईद का खुला चौंकाने वाले राज
दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की आरोपी डॉ. शाहीन सईद के बारे में कई खुलासे हुए हैं। वह फरीदाबाद में नौकरी करती थी, पर शाम 4 बजे के बाद उसका 'असली काम' शुरू होता था। उसके पास से माला और हदीस की किताब भी मिली है। शाहीन जैश-ए-मोहम्मद की महिला शाखा की प्रमुख थी। पुलिस ने उससे संबंधित दो कारें बरामद की हैं और अन्य संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया है।

दिल्ली धमाकों की संदिग्ध शाहीन सईद। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किला के पास विस्फोट के मामले में धीरे-धीरे कई राज खुल रहे हैं। मुख्य संदिग्ध डॉ. शाहीन सईद के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। वह फरीदाबाद की अल फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर में दिन की नौकरी करने के बाद, हर दिन शाम 4 बजे के बाद ही अपना काम शुरू करने की बात करती थी।
एनडीटीवी की रिपोर्ट में जांच से परिचित अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि शाहीन के पास एक माला (जिसे इस्लाम में मिस्बाहा या तस्बीह कहा जाता है) और हदीस किताब (पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं का संग्रह) भी थी। इसके अलावा शहीन के एक सहयोगी ने उसकी अजीब सी हरकतों के बारे में भी बताते हुए कहा कि वह यूनिवर्सिटी से जुड़े नियमों का पालन नहीं करती थी और अक्सर किसी को बिना बताए ही चली जाती थी।
जैश की महिला विंग की कमांडर थी शाहीन सईद
अलफलाह यूनिवर्सिटी को एनएसी ने कारण बताओ नोटिस दिया है और संस्थान ने दिल्ली में हुए ब्लास्ट के मामले से खुद को अलग कर लिया है। साथ ही जांच में सहयोग करनी बात कही है। इस हफ्ते की शुरुआत में शाहीन सईद की पहचान पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन की महिला शाखा की प्रमुख के रूप में हुई थी। खुफिया जानकारी के मुताबिक, जैश इस स्पेशल सेल को चला रहा था।
लखनऊ के लाल बाग की रहने वाली शाहीन सईद को सोमवार को गिरफ्तार किया था। इससे कुछ घंटे पहले ही आतंकी संगठन के चौथे सदस्य (डीएनए टेस्ट में जिसकी पहचान उमर मोहम्मद के रूप में हुई) ने विस्फोटकों से भरी हुंडई आई20 कार को लाल किले के पास उड़ा दिया। इसमें उसके साथ-साथ 10 और लोग मारे गए।
कानपुर में काम कर चुकी थी शाहीन
शाहीन सईद पहले कानपुर मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रमुख रह चुकी थी। बाद में उसका तबादला कन्नौज मेडिकल कॉलेज में हो गया। शाहीन से पहले मुजम्मिल शकील और आदिल अहमद नाम के दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद व्हाइट कॉलर टेररिज्म का पर्दाफाश हुआ।
संदिग्धों की ओर से इस्तेमाल की गई कम से कम दो कारें शाहीन सईद से संबंधित पाई गईं। इनमें एक मारुति स्विफ्ट डिजायर, जिसमें पुलिस ने एक असॉल्ट राइफल और गोला-बारूद बरामद किया और दूसरी मारुति ब्रेजा, जो बम पहुंचाने में काम आ सकती थी, अगर पुलिस ने इस आंतकी सेल का भंडाफोड़ न किया होता।
शहीन ब्रीजा कार खुद चलाती थी, जबकि डिजायर का इस्तेमाल शकील करता था। शकील के घर से पुलिस ने लगभग 3 हजार किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ बरामद किया था।
जांच में अब तक क्या-क्या पता चला?
अब तक की जांच से पता चलता है कि आतंकवादियों की दिल्ली-एनसीआर और देश के अन्य हिस्सों में सिलसिलेवार बम विस्फोट करने की एक भयावह योजना थी। इस योजना में 32 कारें शामिल थीं, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या सभी 32 कारें बम पहुंचाने के लिए थीं। अब तक पहचानी गई चौथी कार लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट है, जो बुधवार को लावारिस हालत में पाई गई।

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