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    UP में डिजिटल अरेस्ट, साइबर ठगी की 295 FIR हैं दर्ज, अब तक हुईं 225 गिरफ्तारियां

    By MALA DIXITEdited By: Prince Gourh
    Updated: Mon, 03 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट और साइबर ठगी के मामलों में पिछले दो वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है। वर्तमान में 295 एफआईआर दर्ज हैं और 225 गिरफ्तारियां हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट इन मामलों पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है और राज्यों से विस्तृत जानकारी मांगी है। 2024 और 2025 में मामलों की संख्या में भारी उछाल आया है, जो साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को दर्शाता है।

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    UP में डिजिटल अरेस्ट, साइबर ठगी की 295 FIR हैं दर्ज (फाइल फोटो)

    माला दीक्षित, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में पिछले दो वर्षों में अचानक डिजिटल अरेस्ट और साइबर ठगी की शिकायतों में बड़ा इजाफा हुआ है। इस समय उत्तर प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट और साइबर ठगी की 295 एफआइआर दर्ज हैं और इन मामलों में 225 गिरफ्तारियां हुई हैं।

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    वैसे तो ये आंकड़े चार वर्ष के हैं लेकिन मामलों में पिछले दो वर्षों से तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। सुप्रीम कोर्ट आजकल डिजिटल अरेस्ट के मामलों की स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने सभी राज्यों से कहा था कि वे ब्योरा देकर बताएं कि राज्य में इन मामलों में कुल कितनी शिकायतें आयीं, कितनी एफआइआर दर्ज है और कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं।

    मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जोयमाल्या बाग्ची की पीठ कर रही है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई थी। उत्तर प्रदेश सरकार के एडीशनल एडवोकेट जनरल शरण ठाकुर ने इस बारे में कोर्ट में जो ब्योरा दिया है उसके मुताबिक उत्तर प्रदेश में साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट के संबंध में वर्ष 2022 में कोई भी शिकायत नहीं आयी लेकिन पुलिस ने दो एफआइआर दर्ज की थीं लेकिन दो में से किसी भी मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई थी।

    कितनी FIR हुई थी दर्ज

    ऐसे ही वर्ष 2023 में इस पर कोई शिकायत नहीं आयी जबकि पुलिस ने छह एफआइआर दर्ज की थीं लेकिन गिरफ्तारी कोई नहीं हुई थी। इसके बाद 2024 में अचानक ऐसे मामलों की बाढ़ आ गई। 2024 में 80 शिकायतें आयीं और पुलिस ने साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट की 170 एफआईआर दर्ज की जबकि 139 लोग गिरफ्तार किये गए।

    इस वर्ष यानी 27 अक्टूबर 2025 तक 83 शिकायतें आ चुकी हैं और 117 एफआइआर दर्ज हुई हैं जबकि 86 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट के मामले कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं।