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    डिजिटल फ्रॉड करने वालों की अब खैर नहीं, CBI ने शुरू किया ऑपरेशन चक्र-V; करोड़ो की ठगी करने वाले चार गिरफ्तार

    Updated: Tue, 15 Apr 2025 08:15 PM (IST)

    सीबीआइ ने डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की ठगी करने वाले बड़े गिरोह को शिकंजे में फंसा लिया है। सीबीआइ ने इस पूरे ऑपरेशन का नाम आपरेशन चक्र-पांच दिया है। झुंझुनू में एक व्यक्ति को तीन महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर 7.6 करोड़ रुपए की ठगी की जांच के दौरान देश भर में फैले इस गिरोह के नेटवर्क का पता चला।

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    डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की ठगी करने वाले चार गिरफ्तार।(फोटो सोर्स: जागरण)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की ठगी करने वाले बड़े गिरोह तक सीबीआइ (CBI) पहुंच गई है। फिलहाल इसके चार सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरोह के अन्य सदस्यों की सीबीआइ खोज रही है। यही कारण है कि गिरफ्तार आरोपितों के नाम उजागर नहीं हुआ है।

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    सीबीआइ ने इस पूरे ऑपरेशन का नाम 'आपरेशन चक्र-पांच' दिया है। सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार झुंझुनू में एक व्यक्ति को तीन महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर 7.6 करोड़ रुपए की ठगी की जांच के दौरान देश भर में फैले इस गिरोह के नेटवर्क का पता चला।

    पीड़ित को डराकर लूटे करोड़ों रुपये 

    गिरोह के सदस्यों ने विभिन्न एजेंसियों के अधिकारी बनकर पीड़ित को डराकर 42 बार में यह रकम वसूल की। राजस्थान सरकार के अनुरोध पर झुंझुनू साइबर पुलिस में दर्ज केस की जांच सीबीआइ ने अपने हाथ ली थी। फिलहाल जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें दो मुंबई और दो मुरादाबाद के हैं।

    उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान गिरोह द्वारा कई अन्य लोगों से इसी तरह से डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के सुबूत मिल रहे हैं। उनके पास 25 हजार आइपी एड्रेस और लगभग 200 बैंक खाते मिले हैं। जिनकी जांच की जा रही है और इन आइपी एड्रेस से किस-किस को काल किया गया और बैंक खातों में किन-किन लोगों से पैसे ट्रांसफर कराये गए, उनका पता लगाया जा रहा है। इन लोगों के डिजिटल अरेस्ट होकर ठगी का शिकार होने की आशंका है।

    सीबीआइ ने जांच में हाई टेक्नोलॉजी का किया इस्तेमाल

    वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, केस हाथ में लेने के बाद सीबीआइ ने व्यापक डेटा विश्लेषण और प्रोफाइलिंग से गहन जांच की। अपराधियों की पहचान करने के लिए उन्नत जांच तकनीकों का इस्तेमाल किया गया।

    जांच के दौरान मिले सुरागों के आधार पर मुरादाबाद और संभल, मुंबई, जयपुर और बंगाल के कृष्णानगर में बारह स्थानों पर व्यापक तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप इस संगठित अपराध गिरोह में शामिल चार व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई। तलाशी के दौरान बैंक खाते का विवरण, डेबिट कार्ड, चेक बुक, जमा पर्ची और डिजिटल डिवाइस साक्ष्य बरामद किये गए।

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