क्या राजस्थान में था जुरासिक वर्ल्ड? जैसलमेर में खुदाई करते समय मिले उड़ने वाले डायनासोर के जीवाश्म
जैसलमेर के मेघा गांव में झील के पास खुदाई करते समय स्थानीय लोगों को जीवाश्म जैसे अवशेष मिले हैं जिनमें एक बड़ी हड्डी के आकार की संरचना भी शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये अवशेष डायनासोर के जीवाश्म हो सकते हैं क्योंकि जैसलमेर की चट्टानी संरचनाएं जुरासिक युग की हैं जो 180 मिलियन वर्ष पुरानी हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के जैसलमेर जिले के एक गांव में बुधवार को एक बड़ी हड्डी के आकार की संरचना सहित जीवाश्म जैसे अवशेष मिले, जिससे इस जगह के प्रागैतिहासिक डायनासोर युग से जुड़े होने की संभावना बढ़ गई है।
ये असामान्य पत्थर की संरचनाएं और हड्डियां, जो एक बड़े कंकाल जैसी दिखती हैं, जैसलमेर से लगभग 45 किलोमीटर दूर मेघा गांव में स्थानीय लोगों को झील के पास खुदाई करते समय मिलीं। फतेहगढ़ उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और तहसीलदार ने घटनास्थल का दौरा किया और अवशेषों का निरीक्षण किया।
'झील पर दिखे कंकाल और पत्थर जैसे निशान'
एक स्थानीय निवासी ने अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी। उसने बताया कि झील के पास एक कंकाल जैसी संरचना, संभवतः डायनासोर की रीढ़, पाई गई है। श्याम सिंह ने कहा, "झील पर हमने कंकाल और पत्थरों जैसे निशान देखे। मुझे लगा कि ये प्राचीन अवशेष हो सकते हैं, इसलिए मैंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और प्रशासन से संपर्क किया।"
एक्सपर्ट्स ने क्या बताया?
विशेषज्ञों का कहना है कि ये अवशेष संभवतः डायनासोर के जीवाश्म हैं। हालांकि, वैज्ञानिक का यह भी कहना है कि परीक्षण से पहले कोई निष्कर्ष निकालना कठिन है। उन्होंने कहा, "जैसलमेर की चट्टानी संरचनाएं, जिनमें समुद्री और मीठे पानी के भंडार हैं, 180 मिलियन वर्ष पुरानी हैं, जो जुरासिक युग में डायनासोरों के समय की हैं।"
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)
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