Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'बेचने के बजाय खरीदो इंडियन शेयर', इस अमेरिकी कंपनी ने कर दी ट्रंप की टांय-टांय फिस्स; भारत की तारीफ में पढ़े कसीदे

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 01:54 PM (IST)

    अमेरिकी ब्रोकिंग फर्म जेफरीज ने भारतीय शेयर खरीदने की सलाह दी है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों का यू-टर्न लेना तय है। क्रिस्टोफर वुड ने कहा कि ट्रंप अपने रुख से पीछे हटेंगे जो अमेरिका के हित में नहीं है। जेफरीज ने भारत के प्रति लगातार तेजी का रुख बनाए रखा है। ब्रिक्स देश फिर से एकजुट हो रहे हैं।

    Hero Image
    भारत के सामने झुकेंगे डोनाल्ड ट्रंप! (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी ब्रोकिंग फर्म जेफरीज ने अपने ग्राहकों को भारतीय शेयर बेचने के बजाय खरीदने की सलाह दी है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों का यू-टर्न लेना तय है। सोमवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जेफरीज़ की रिपोर्ट में, अमेरिकी ब्रोकिंग फर्म के एक प्रमुख विश्लेषक क्रिस्टोफर वुड ने सुझाव दिया कि उनके ग्राहक मौजूदा वैश्विक बाजार के माहौल और इस संभावना को देखते हुए भारत में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं कि ट्रंप अंततः अपना रुख बदल देंगे, जो अमेरिका के हित में नहीं है।

    'ट्रंप अपने रुख से हटेंगे पीछे'

    वुड ने कहा, "यह बस समय की बात है कि ट्रंप अपने रुख से पीछे हटेंगे, जो अमेरिका के हित में नहीं है। इस बिंदु पर, यह ध्यान देने योग्य है कि उनका पिछला रिकॉर्ड स्पष्ट करता है कि डोनाल्ड ट्रंप के सामने खड़े होने का फायदा है।" वुड ने कहा कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के विरुद्ध ट्रंप की कार्रवाइयां ब्रिक्स देशों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका को डी-डॉलराइजेशन की ओर धकेल सकती हैं।

    'फिर एकजुट हो रहे ब्रिक्स देश'

    विश्लेषक ने कहा कि जेफरीज ने भारत के प्रति लगातार तेजी का रुख बनाए रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 15 वर्षों में वैश्विक उभरते बाजारों की तुलना में भारत ने पिछले 12 महीनों में अपने सबसे बड़े खराब प्रदर्शन का अनुभव किया है। वुड ने कहा, "भारत एशिया में सबसे अच्छी दीर्घकालिक संरचनात्मक स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है।"

    जेफरीज के रणनीतिकार ने कहा कि ब्रिक्स देश मुख्य रूप से अमेरिकी प्रशासन की विदेश नीति में एक वैचारिक ढांचे के अभाव के कारण फिर से एकजुट हो रहे हैं। इस बीच, कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि 25 अगस्त से 29 अगस्त के बीच अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों की नई दिल्ली यात्रा को पुनर्निर्धारित किया जा सकता है।

    (न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)

    ये भी पढ़ें: ट्रंप का टैरिफ बम होगा फुस्स! भारत ने डिप्लोमेसी को किया रीसेट, नई रणनीति बनाने दिल्ली आ रहे चीनी विदेश मंत्री