'India और Russia अपनी इकोनॉमी डुबा लें...मुझे फर्क नहीं पड़ता', ट्रेड डील पर भारत अडिग तो तीखी बयानबाजी पर उतरे ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आयात पर शुल्क लगाने की घोषणा के बाद भारत-रूस संबंधों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं। उन्होंने पाकिस्तान के साथ कारोबारी समझौते का दम भरा है और अमेरिकी तेल को भारत को बेचने की बात कही है। ट्रंप ने भारतीय अर्थव्यवस्था के डूबने की भविष्यवाणी की है जबकि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। भारत सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारतीय आयात पर एक अगस्त, 2025 से 25 फीसद का शुल्क और इसके साथ पेनल्टी देने की घोषणा के बाद भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुप नहीं बैठे हैं बल्कि पिछले 24 घंटों में भारत व रूस के संबंधों को लेकर भारतीय इकोनॉमी को लेकर ना सिर्फ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं बल्कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान कार्ड खेलने के संकेत भी दिये हैं।
ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ कारोबारी समझौता करने का दम भरा है और वहां अमेरिकी तेल फील्डों से निकालकर तेल को भारत को बेचने की बात कही है।
भारत सरकार की तरफ से ट्रंप की ओर से एक के बाद एक की गई इन टिप्पणियों को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन जानकारों का कहना है कि ट्रेड समझौते पर भारत ने जिस तरह से अमेरिकी दबाव में झुकने से साफ इनकार कर दिया है, इससे राष्ट्रपति ट्रंप खुश नहीं है। उनका बयान इसी का नतीजा है।
I wish to convey my profound thanks to President Trump @realDonaldTrump for his leadership role in finalization of the historic US-Pakistan trade agreement, successfully concluded by our two sides in Washington, last night.
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) July 31, 2025
This landmark deal will enhance our growing cooperation…
'पाकिस्तान में तेल भंडारों को विकसित करेंगे'
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है, "हमने पाकिस्तान के साथ समझौते को अंतिम रूप दे दिया है, जहां पाकिस्तान और अमेरिका बड़े तेल भंडारों को विकसित करेंगे। हम उस तेल कंपनी का चयन करने जा रहे हैं जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी। कौन जानता है कि, वह एक दिन भारत को भी तेल की बिक्री करने लगे।"
भारत और पाकिस्तान के बीच अभी किसी तरह का कारोबार नहीं होता, भारत का शीर्ष नेतृत्व लगातार पाक पोषित आतंकवादी गतिविधियों का मुद्दा उठा रहा है, इस बारे में पूरी जानकारी के बावजूद राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वह पाकिस्तान के साथ संबंधों को आगे बढ़ाएंगे।
बहरहाल, उनकी इस घोषणा के कुछ ही देर बाद वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास की तरफ से यह बयान जारी किया गया है, "बुधवार को वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब और अमेरिका के वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक, यूएसए के कारोबार प्रतिनिधि राजदूत जैमिसन ग्रीयर के बीच हुई बैठक में कारोबारी समझौते को अंतिम रूप दिया गया। यह समझौता दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंधों के नये दौर की शुरुआत है। इससे पाकिस्तान के इन्फ्रास्ट्रक्चर व विकास परियोजनाओं में अमेरिकी निवेश बढ़ेगा। दोनों देश आपसी कारोबारी संबंधों को बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध है।"
भारत के इकोनॉमी को लेकर ट्रंप का बड़बोलापन
भारतीय सरकार को असहज करने के लिए ट्रंप की बयानबाजी यहीं खत्म नहीं हुई। इसके कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर भारतीय इकोनॉमी के डूब जाने की भविष्यवाणी कर दी।
ट्रंप ने लिखा, "मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या करता है। वो अपनी मृत अर्थव्यवस्था को एक साथ डूबा सकते है, मुझे इसकी कोई चिंता नहीं। हमने भारत के साथ बहुत ही कम कारोबार किया है। उनकी टैरिफ (सीमा शुल्क) बहुत ज्यादा है। इसी तरह से रूस और अमेरिका के बीच कोई कारोबार नहीं होता। इसे इसी तरह से रहने दिया जाए।"
इस टिप्पणी की भाषा निश्चित तौर पर वैसी ही है जैसी राष्ट्रपति ट्रंप की होती है लेकिन इससे साफ है कि वह भारत के साथ कारोबारी व रणनीतिक संबंधों का कोई लिहाज नहीं कर रहे।
भारत की अर्थव्यवस्था अभी दुनिया के प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी है। विश्व बैंक, आइएमएफ, संयुक्त राष्ट्र, एडीबी समेत दुनिया की तमाम एजेंसियां वर्ष 2025-26 में भारत की आर्थिक विकास दर के 6.4 से 6.8 फीसद के बीच रहने का अनुमान लगा रही हैं।
500 अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने पर जोर
यही नहीं भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय कारोबार भारत व रूस के द्विपक्षीय कारोबार से दोगुना से भी ज्यादा है। भारत और रूस के बीच कारोबार में सिर्फ एनर्जी व रक्षा ऊपकरण शामिल है जबकि भारत व अमेरिका का कारोबार काफी व्यापक है। अमेरिका और भारत के बीच वैश्विक सप्लाई चेन में चीन पर निर्भरता खत्म करने के लिए बात हो रही है।
दोनों देशों के बीच मौजूदा द्विपक्षीय कारोबार 140 अरब डॉलर को 500 अरब डॉलर करने के लक्ष्य पर बात हो रही है। फरवरी, 2025 में वाशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त तौर पर द्विपक्षीय कारोबारी समझौता (बीआइटी) वर्ष 2025 में ही करने का ऐलान किया था। यह बताता है कि ट्रंप की टिप्पणी सच्चाई से भिन्न है।
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