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    राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन पर हो रही थी 'पानी वाले गांजे' की तस्करी, पुलिस के एक्शन से कैसे उड़े तस्करों के होश?

    Updated: Sun, 24 Aug 2025 10:13 AM (IST)

    राजधानी एक्सप्रेस में तस्करी के लिए ले जा रही 54 करोड़ रुपये की ड्रग्स बेंगलुरु से भोपाल में जब्त की गई। राजस्व खुफिया निदेशालय ने ऑपरेशन वीड आउट के तहत बेंगलुरु और भोपाल स्टेशनों पर हाइड्रोपोनिक गांजा से भरे बैग जब्त किए। जांचकर्ताओं ने इस लैब का संबंध सलीम डोला इस्माइल से जोड़ा जो तुर्की से सक्रिय एक तस्कर है।

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    राजधानी एक्सप्रेस में 54 करोड़ रुपये की ड्रग्स बेंगलुरु से भोपाल में जब्त की गई।(फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मादक पदार्थ यानी ड्रग्स की तस्करी के लिए अपराधी कई तरीके के पैंतरे अपनाते है। हालांकि, कभी-कभी ड्रग्स तस्कर सारी हदें पार कर जाते हैं।

    इसी बीच अपराधियों ने ड्रग की तस्करी के लिए  देश की सबसे सुरक्षित ट्रेनों में से एक राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को चुना। दरअसल, राजधानी एक्सप्रेस में तस्करी के लिए ले जा रही 54 करोड़ रुपये की ड्रग्स बेंगलुरु से भोपाल में जब्त की गई।

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    बेंगलुरु और भोपाल से हाइड्रोपोनिक गांजा जब्त

    राजस्व खुफिया निदेशालय ने 'ऑपरेशन वीड आउट' के तहत बेंगलुरु और भोपाल स्टेशनों पर हाइड्रोपोनिक गांजा से भरे बैग जब्त किए। बेंगलुरु में 29.88 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक गांजा जब्त किया गया, जिसके कुछ घंटों बाद भोपाल में 24.18 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपये है।

    थाईलैंड से लौटे एक व्यक्ति को बेंगलुरु के एक होटल में 18 किलो इसी तरह के नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा गया। कथित मास्टरमाइंड को बाद में नई दिल्ली में 1.02 करोड़ रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया। कुल छह लोगों को हिरासत में लिया गया।

    क्या होता है हाइड्रोपोनिक गांजा?

    हाइड्रोपोनिक वीड, मिट्टी में नहीं बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर पानी में उगाई जाने वाला गांजा है। । यह गांजे की एक वैरायटी है जो कि हाइड्रोपोनिक तकनीक से समुद्री पानी में उगती है। यह भारत में जमीन में उगने वाले पारंपरिक गांजे से ज्यादा नशीला होता है। इसकी कीमत भी पारंपरिक गांजा से कई गुना ज्यादा है।

    कुछ ही दिन पहले, 16 अगस्त को, भोपाल के जगदीशपुरा में एक और छापेमारी में एक गुप्त ड्रग लैब का खुलासा हुआ था, जहां से 61.2 किलोग्राम तरल मेफेड्रोन और 541 किलोग्राम से ज्यादा प्रीकर्सर केमिकल बरामद हुए थे, जिनकी कीमत लगभग 92 करोड़ रुपये थी। जांचकर्ताओं ने इस लैब का संबंध सलीम "डोला" इस्माइल से जोड़ा, जो तुर्की से सक्रिय एक तस्कर है और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क से जुड़ा है।

    इससे पहले, अक्टूबर 2024 में, गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने भोपाल के बागरोदा औद्योगिक क्षेत्र में एक विशाल ड्रग फैक्ट्री का पता लगाया था, जिसमें 1,800 करोड़ रुपये मूल्य की 907 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त की गई थी।

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