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    'मेरा सामान पैक है, लेकिन...'; बंगला खाली करने में देरी पर पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने दिया जवाब; बताई क्या है मजबूरी

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 05:36 PM (IST)

    पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ रिटायरमेंट के बाद भी सरकारी बंगले में रह रहे हैं जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा और बंगला खाली कराने का आदेश दिया। चंद्रचूड़ ने बताया कि बेटियों के स्वास्थ्य और नए बंगले में काम चलने के कारण देरी हुई। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही बंगला खाली कर देंगे। उन्हें अपनी जिम्मेदारियां पता है।

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    सरकारी बंगले को खाली न कर पाने को लेकर पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने दिया जवाब।(फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़  (DY Chandrachud) रिटायरमेंट के 8 महीने के बाद भी सरकारी बंगले में रह रहे हैं। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा। वहीं, कोर्ट ने जल्द से जल्द पूर्व सीजेआई से बंगला खाली करवाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के पत्र का पूर्व सीजेआई ने जवाब दिया।।

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     डीवाई चंद्रचूड़ ने यह भी बताया कि आखिर किस वजह से वो बंगला खाली नहीं कर सके। उनका कहना है कि हमारा पूरा सामान पैक है। हम जल्दी ही यहां से निकल जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम रेडी टू मूव हैं और ज्यादा से ज्यादा दो सप्ताह या फिर 10 दिन के अंदर घर खाली कर देंगे।

    मुझे अपनी सार्वजनिक जिम्मेदारियां पता है: पूर्व सीजेआई

    पूर्व चीफ जस्टिस एनडीटीवी से बातचीत में ये भी कहा कि उनकी बेटियों  (प्रियंका और माही) का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उन्हें दुर्लभ बीमारी है। वह अपनी बेटियों के हिसाब से आवास तैयार कराना चाहते हैं। इस वजह से बंगला खाली करने में देरी हो रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह अपनी सार्वजनिक जिम्मेदारियों से अवगत हैं और उनका सरकारी आवास को बनाए रखने का कोई इरादा नहीं है।

    जो नया बंगला मुझे मिला, वहां चल रहा काम: डीवाई चंद्रचूड़

    जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ अभी दिल्ली में 5 कृष्णा मेनन मार्ग पर टाइप 8 बंगले में रह रहे हैं। पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने बताया कि उन्हें तीन मूर्ति मार्ग पर जो नया बंगला मिला है, उसमें काम चल रहा था और ठेकेदार ने जून तक काम खत्म करने की बात कही थी।

    उन्होंने बताया कि दो साल से यह बंगला खाली था क्योंकि कोई भी जज इस बंगले में रहने के लिए तैयार नहीं थे, इस वजह से काफी काम होना था। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्होंने तीन महीने के लिए किराए पर भी घर लेने का सोचा, लेकिन कोई भी ओनर इतने कम समय के लिए घर देने को तैयार नहीं है।

    उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बेटी के लिए उनके घर में ही छोटा सा आईसीयू सेटअप है। जब वो शिमला में थे तो उनकी एक बेटी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसे सांस लेने में तकलीफ हुई। 44 दिनों तक उनकी बेटी आईसीयू में रही। उनकी बेटी अभी भी ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब पर है, जिसको साफ करना पड़ता है।  

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