ई-जागृति से शिकायतों का समाधान का हुआ आसान, उपभोक्ताओं के अधिकारों की हो रही रक्षा
ई-जागृति ने उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा को सरल बनाया है। अब तक 2.75 लाख से अधिक उपभोक्ता इस मंच से जुड़ चुके हैं, और 1.3 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की ग ...और पढ़ें

शिकायतों का समाधान पहले से ज्यादा हुआ आसान (फाइल फोटो)
अरविंद शर्मा, जागरण। नई दिल्लीअगर आपने किसी दुकान, ऑनलाइन प्लेटफार्म या स्थानीय बाजार से कोई सामान खरीदा है और उसमें खामी है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप डिजिटल मंच ई-जागृति पर शिकायत कर सकते हैं, जिसने उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के तरीके को तेजी से बदला है।
इसके सहारे शिकायत दर्ज करना पहले की तुलना में कहीं अधिक सरल-सहज और समाधान पाना आसान हो गया है। इस वर्ष अब तक दो लाख 75 हजार से ज्यादा उपभोक्ता इस मंच पर जुड़ चुके हैं और पिछले 11 महीने के दौरान एक लाख 30 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं।
कितने मामलों का हुआ निपटारा?
इनमें एक लाख 27 हजार से अधिक मामलों का निपटारा किया जा चुका है। बिना किसी दफ्तर के चक्कर लगाए, कहीं से भी शिकायत दर्ज कर उसकी प्रगति देखी जा सकती है। यह मंच सिर्फ तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि उपभोक्ता अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है।
पहले शिकायत दर्ज करना लंबी और झंझट भरी प्रक्रिया थी। कागजी काम, कई स्तरों की जांच और समय की पाबंदियां उपभोक्ता को न्याय से दूर कर देती थीं। पर ई-जागृति ने इस व्यवस्था को बदल दिया है। अब सिर्फ मोबाइल पर कुछ क्लिक कर शिकायत दर्ज की जा सकती है।
शिकायत स्वीकार होने, सुनवाई की तिथि तय होने और समाधान की प्रगति जैसी हर जानकारी उपभोक्ता को समय-समय पर मिलती रहती है। यह पारदर्शिता और तेजी इस मंच की सबसे बड़ी ताकत है।ई-जागृति की एक खासियत यह है कि उपभोक्ता समय और दूरी की बाधाओं से मुक्त हो गए हैं।
लोग करा रहे ऑनलाइन शिकायत
चाहे ग्रामीण हों या शहरी या यहां तक कि विदेश में रहने वाला भारतीय भी आसानी से ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकता है। पहले जिन लोगों के लिए दूरी, समय या संसाधनों की कमी बड़ी रुकावट थी, अब उनके लिए यह मंच राहत का सबसे बड़ा जरिया बन चुका है।उपभोक्ता सचिव निधि खरे का कहना है कि शिकायतों की लगातार बढ़ती संख्या और तेज निपटारे ने सरकार को इस प्रणाली को और सुदृढ़ करने की प्रेरणा दी है।
अब इसमें सरल भाषा में दिशानिर्देश, बेहतर डिजिटल सहायता और आने वाले समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित सुविधाएं जोड़ने की योजना बन रही है। मंत्रालय का मानना है कि सबसे बड़ी चुनौती जागरूकता बढ़ाने की है, ताकि अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। फिर भी मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि ई-जागृति पर भरोसा लगातार बढ़ रहा है।
क्या है उपलब्धि?
एक वर्ष से कम समय में लगभग सभी शिकायतों का समाधान हो जाना इसकी सफलता का प्रमाण है। जाहिर है, ई-जागृति ने उपभोक्ताओं के लिए न्याय प्राप्त करना आसान और भरोसेमंद बना दिया है। उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बनकर उभरा है।

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