युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है जल्दी रिटायरमेंट का ट्रेंड, सर्वे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
ग्रांट थार्नटन भारत के सर्वे के अनुसार आजकल के युवा तय समयसीमा से पहले सेवानिवृत्ति को पसंद कर रहे हैं। 43% युवाओं ने 45-55 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति की इच्छा जताई जबकि 56% युवा 55-65 वर्ष के बीच सेवानिवृत्त होने की योजना बना रहे हैं। अधिकांश युवा सरकार समर्थित योजनाओं में निवेश करना पसंद कर रहे हैं।

आईएएनएस, नई दिल्ली। वैसे तो निजी या सरकारी क्षेत्र के कर्मचारी 58-60 वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्त होते हैं। लेकिन आजकल के अधिकांश युवा तय समयसीमा से पहले ही सेवानिवृत्ति को पसंद कर रहे हैं। ग्रांट थार्नटन भारत की ओर से 25 वर्ष या इससे कम उम्र के युवाओं पर किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है।
आइए जानते हैं सर्वे से जुड़ी अन्य खास बातें..
- 43 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने 45-55 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति की इच्छा जताई
- 56 प्रतिशत युवा 55-65 वर्ष की आयु के बीच सेवानिवृत्त होने की बना रहे योजना
- 55 प्रतिशत उत्तरदाताओं को सेवानिवृत्ति पर एक लाख रुपये मासिक पेंशन की उम्मीद
- 11 प्रतिशत का मानना है कि उनका मौजूदा निवेश पेंशन अपेक्षा पूरी करने के लिए पर्याप्त
- निवेश के लिए सरकार समर्थित योजनाएं पसंदीदा विकल्प
सर्वे के अनुसार, 25 वर्ष या इससे कम उम्र के युवाओं के बीच निवेश के लिए सरकार समर्थित योजनाएं सबसे पसंदीदा विकल्प बनी हुई हैं। कुल 39 प्रतिशत उत्तरदाता ऐसी योजनाओं के पक्ष में हैं। उच्च जोखिम, उच्च रिटर्न वाली योजनाएं विशेष रूप से युवाओं को आकर्षित कर रही हैं और 25 वर्ष से कम आयु के 31 प्रतिशत प्रतिभागियों ने इन विकल्पों में निवेश की इच्छा जताई है।
यूपीएस भी पेश कर चुकी है सरकार
केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन के लिए देने के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) पेश कर चुकी है। यूपीएस में सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत आजीवन मासिक पेंशन के रूप में मिलेगा। इसमें समय-समय पर महंगाई राहत (डीआर) की वृद्धि होती रहेगी। यूपीएस 10 हजार रुपये की न्यूनतम पेंशन की गारंटी देता है। राज्य सरकारों के पास भी इस योजना को अपनाने का विकल्प है।
बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना
सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के अधीन वात्सल्य योजना भी शुरू की है। इसका उद्देश्य पेंशन खाते के माध्यम से बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करना है। यह योजना नाबालिगों को सदस्यता लेने की अनुमति देती है। इसमें योगदान की शुरुआत एक हजार रुपये सालाना से होती है। इसमें आसान पंजीकरण के लिए एक आनलाइन प्लेटफार्म भी उपलब्ध है। अप्रवासी भारतीय (एनआरआइ) के लिए भी यह योजना उपलब्ध है।
जैसे-जैसे हमारी कार्यशील आबादी बढ़ रही है, अपेक्षित सेवानिवृत्ति आवश्यकताओं और वास्तविक बचत व्यवहार के बीच का अंतर तेजी से स्पष्ट होता जा रहा है। इस अंतर को पाटने के लिए एक मजबूत और समावेशी पेंशन इकोसिस्टम की आवश्यकता है, जो पूंजी निर्माण
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।