राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोप पर चुनाव आयोग का फैक्ट चेक, वायरल सुबोध कुमार का निकला पॉलिटिकल कनेक्शन
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के बिहार में मतदाता सूची से नाम हटाने के दावों को फिर से खारिज किया है। आयोग ने एक वायरल वीडियो के संदर्भ में कहा कि सुबोध कुमार नामक व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में कभी था ही नहीं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि सुबोध कुमार आरजेडी के बूथ लेवल एजेंट हैं और उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची से नाम हटाने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दावों को चुनाव आयोग ने एक बार फिर खारिज कर दिया है।
इस बार मामला एक वायरल वीडियो से जुड़ा है, जिसमें सुबोध कुमार नाम के शख्स ने दावा किया था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया। आयोग ने साफ किया कि ये दावा पूरी तरह बेबुनियाद है और सुबोध कुमार कोई साधारण मतदाता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बूथ लेवल एजेंट हैं।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया। इसमें उन्होंने लिखा, "सुबोध कुमार जी के साथ जो हुआ, वैसा ही बिहार में लाखों लोगों के साथ हो रहा है। वोट की चोरी भारत माता पर हमला है, बिहार के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
जो सुबोध कुमार जी के साथ हुआ, वही लाखों लोगों के साथ बिहार में हो रहा है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 19, 2025
वोट चोरी भारत माता पर आक्रमण है - बिहार की जनता ये होने नहीं देगी। pic.twitter.com/Xtfun3CGPG
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग ने तुरंत इस मामले पर विस्तृत स्पष्टीकरण जारी किया। आयोग ने कहा कि सुबोध कुमार का नाम विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) से पहले भी मतदाता सूची में नहीं था, इसलिए उनके नाम के "हटाए" जाने का सवाल ही नहीं उठता। आयोग ने यह भी बताया कि सुबोध का नाम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार प्रकाशित हटाए गए मतदाताओं की सूची में भी नहीं है।
इसके साथ ही, आयोग ने खुलासा किया कि सुबोध ने ड्राफ्ट सूची प्रकाशित होने के बाद न तो फॉर्म-6 के तहत कोई दावा किया और न ही कोई जरूरी घोषणा जमा की। इतना ही नहीं, जब पोलिंग स्टेशन नंबर 10 पर हटाए गए मतदाताओं की सूची सार्वजनिक नोटिस के लिए चस्पा की गई थी, तब सुबोध वहां मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई।
नवादा जिला चुनाव अधिकारी का बयान
नवादा के जिला चुनाव अधिकारी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में कहा, "यह साफ है कि सुबोध कुमार का एसआईआर 2025 में नाम हटाने का आरोप बेबुनियाद और गलत है। अगर वह भविष्य में फॉर्म-6 और जरूरी घोषणा जमा करते हैं, तो कानून के मुताबिक उनका नाम शामिल कर लिया जाएगा।"
चुनाव आयोग ने यह भी साफ किया कि सुबोध कुमार कोई आम मतदाता नहीं, बल्कि आरजेडी के बूथ लेवल एजेंट हैं, जो इस तरह के दावों के जरिए भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
पहले भी राहुल के दावे हुए थे खारिज
यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के "वोट चोरी" के दावों को गलत ठहराया है। इसी महीने औरंगाबाद में राहुल गांधी ने रंजू देवी नाम की एक महिला का मामला उठाया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि रंजू और उनके परिवार का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया।
हालांकि, चुनाव आयोग ने इसका जवाब देते हुए रंजू देवी का एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने खुद पुष्टि की कि उनका और उनके परिवार का नाम मतदाता सूची में पूरी तरह सुरक्षित है। रंजू ने यह भी कहा कि कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें गुमराह किया और कहा कि उनका नाम सूची से हट गया है।
जिन लोगों ने पिछले 4-5 चुनावों में वोट किया, बिहार में उनका भी वोट चोरी कर लिया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 18, 2025
और, जब वजह पूछा, तो एक ही जवाब मिला- ऊपर से ऑर्डर आया है।
ये गरीबों के अधिकार की लड़ाई है - हम रुकेंगे नहीं। वोट चोरी रोक कर रहेंगे। pic.twitter.com/wL1AdnKM6O
चुनाव आयोग ने क्या अपील की है?
चुनाव आयोग ने एक बार फिर साफ किया कि मतदाता सूची से नाम हटाने के सभी दावों की गहन जांच की जाती है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाता है। आयोग ने राजनीतिक दलों और नेताओं से अपील की कि वे बिना तथ्यों के भ्रामक दावे न करें, क्योंकि इससे जनता में भ्रम फैलता है।
राहुल गांधी के इन लगातार दावों और आयोग की तथ्य-आधारित खंडन से यह साफ है कि बिहार में मतदाता सूची को लेकर उठाए जा रहे सवालों में कितनी सच्चाई है। बिहार की जनता और चुनाव आयोग दोनों ही इस मामले पर पूरी नजर रखे हुए हैं।
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