'नियमानुसार कार्य न करने वाले बीएलओ पर की जाए कड़ी कार्रवाई', चुनाव आयोग ने दिया सख्त निर्देश
चुनाव आयोग ने बंगाल में बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के नियमानुसार काम नहीं करने पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि चुनाव आयोग की एक विशेष टीम मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया की प्रगति का मुआयना करने के लिए राज्य के दौरे पर है।

चुनाव आयोग की टीम बंगाल में ले रही एसआइआर कार्य का जायजा (सांकेतिक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। चुनाव आयोग ने बंगाल में बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के नियमानुसार काम नहीं करने पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
चुनाव आयोग की टीम बंगाल में ले रही एसआइआर कार्य का जायजा
मालूम हो कि चुनाव आयोग की एक विशेष टीम मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया की प्रगति का मुआयना करने के लिए राज्य के दौरे पर है। टीम विभिन्न जिलों का दौरा कर चुनाव अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे रही है।
टीम का नेतृत्व कर रहे उप चुनाव आयुक्त ज्ञानेश भारती ने जिला प्रशासनों को बीएलओ के कामकाज पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है और उनके नियमानुसार काम नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
जिला प्रशासन मामले की जांच कर रहा है
दूसरी ओर हुगली जिले के बलागढ़ इलाके के पोतागाछी ग्राम के करीब 900 लोगों के नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है। जिनके नाम नहीं है, उनका कहना है कि उनका यही जन्म हुआ है और यहीं पले-बढ़े हैं। जिला प्रशासन मामले की जांच कर रहा है।
ममता ने की एसआइआर पर तुरंत रोक लगाने की मांग की
इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर एसआइआर कार्य पर तुरंत रोक लगाने की अपील की। ममता ने आरोप लगाया कि इसकी प्रक्रिया अराजक, खतरनाक और अमानवीय है।
एसआइआर से लोगों में भय का माहौल है। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) द्वारा बीएलओ को धमकियां दी जा रही हैं, अनुचित कारण बताओ नोटिस थमा दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अपील की कि तुरंत यह प्रक्रिया रोकी जाए, बीएलओ को सही ट्रे¨नग और सपोर्ट दिया जाए, टाइमलाइन बढ़ाई जाए और पूरी प्रक्रिया की फिर से समीक्षा की जाए।
तृणमूल सांसद ने निष्क्रिय आधार नंबरों की यूआइडीएआइ सूची पर सवाल उठाए
तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने गुरुवार को सवाल उठाया कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने बंगाल के निष्कि्रय आधार नंबरों की सूची भारत निर्वाचन आयोग के साथ कैसे साझा की।
यूआइडीएआइ ने पहले दावा किया था कि ऐसी सूची नहीं रखी जाती हैं। एक्स पर एक पोस्ट में गोखले ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग वोट चोरी के लिए मोदी सरकार के यूआइडीएआइ के साथ मिलकर काम कर रहा है।

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