किलर कफ सीरप: ED ने श्रीसन फार्मास्युटिकल के मालिक की 2.04 करोड़ की संपति की जब्त
ईडी ने मिलावटी कफ सीरप मामले में श्रीसन फार्मास्युटिकल के मालिक जी. रंगनाथन की 2.04 करोड़ की संपत्ति जब्त की। इस सीरप से मध्य प्रदेश में 20 से अधिक बच ...और पढ़ें

ईडी ने 2.04 करोड़ की संपत्ति जब्त की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोल्ड्रिफ मिलावटी कफ सीरप बेचने से जुड़े मनी लॉड्रिंग के आरोपों के तहत ईडी ने श्रीसन फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर के मालिक जी. रंगनाथन की 2.04 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की है।
इस मिलावटी कफ सीरप के कारण मध्य प्रदेश में 20 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। ईडी के चेन्नई क्षेत्रीय कार्यालय ने इन संपत्तियों को जब्त किया है। इनमें चेन्नई के कोडम्बक्कम स्थित दो आवासीय फ्लैट शामिल हैं, जिनके मालिक जी. रंगनाथन और उनके परिवार के सदस्य हैं।
ईडी ने 2.04 करोड़ की संपत्ति जब्त की
ये संपत्तियां दो दिसंबर को प्रीवेंशन आफ मनी लां¨ड्रग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत जब्त की गईं। ईडी ने अनुसूचित अपराधों से संबंधित दो एफआइआर के आधार पर पीएमएलए के तहत जांच शुरू की।
मध्य प्रदेश पुलिस ने रंगनाथन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस, 2023) की धारा 105 (आइपीसी की धारा 304) के तहत मिलावटी कफ सीरप बनाने और बेचने के आरोप में एफआइआर दर्ज की।
मिलावटी कफ सीरप से बच्चों की मौत
आआईआआ में आरोप लगाया गया है कि श्रीसन फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर, चेन्नई द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सीरप में विषाक्त ग्लाइकाल कंपाउंड मौजूद थे और इसके सेवन के बाद बच्चों में गुर्दे के काम बंद कर देने के कई मामले सामने आए।
प्रयोगशाला निष्कर्षों से डायएथिलीन ग्लाइकाल (डीईजी) 48.6 प्रतिशत भार/आयतन और एथिलीन ग्लाइकाल (ईजी) 46.28 प्रतिशत भार/आयतन की उच्च मात्रा की पुष्टि हुई, जो सुरक्षित सीमा से कहीं अधिक है। श्रीसन फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर, चेन्नई द्वारा अपनाई गई लापरवाही और मिलावटी निर्माण पद्धतियों के कारण कोल्ड्रिफ कफ सीरप में विषाक्तता उत्पन्न हुई।
श्रीसन फार्मास्युटिकल के मालिक पर कार्रवाई
चेन्नई एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने औषधि नियंत्रण विभाग के निदेशक (प्रभारी) और संयुक्त निदेशक पीयू कार्तिगेयन के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 की धारा 7 के अंतर्गत औषधि नियंत्रण विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक और प्राथमिकी दर्ज की।
ईडी ने कहा कि जांच से पता चला है कि श्रीसन फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर अपनी विनिर्माण लागत को कम करने और मुनाफा बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर अनुचित व्यापार प्रथाओं में लिप्त है, जो अपराध की आय (पीओसी) के अलावा और कुछ नहीं है।

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