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    'घबराने की जरूरत नहीं है', नरम पड़े अमेरिका के तेवर तो ऐसे सुलझेगा ट्रंप टैरिफ विवाद

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 06:09 PM (IST)

    रूसी तेल की खरीद पर टैरिफ के बाद भारत और अमेरिका विवाद को सुलझाने में जुटे हैं। सूत्रों के अनुसार यह स्थिति अस्थायी है और निर्यातकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि टैरिफ का असर सीमित रहेगा। अमेरिकी वित्त मंत्री ने भी भारत-अमेरिका संबंधों में विश्वास जताया है। वहीं पीएम मोदी ने किसानों के हितों से समझौता न करने की बात कही है।

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    भारत के सामने झुकेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप?

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीते दिन बुधवार (27 अगस्त, 2025) को भारत की ओर से रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ दंड के रूप में लागू होने के बाद, सरकारी सूत्रों ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के प्रयास जारी हैं।

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    उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों में एक अस्थायी स्थिति है। उन्होंने आगे कहा कि निर्यातकों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अमेरिकी टैरिफ का असर गंभीर होने की संभावना नहीं है। ऐसा भारत के विविध निर्यात आधार के कारण है।

    टैरिफ के दायरे में दो तिहाई निर्यात

    भारत पर कुल टैरिफ अब 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है। भारत से अमेरिका को होने वाले दो-तिहाई निर्यात अब टैरिफ के दायरे में है। इसका कीमत प्रतिवर्ष 60 बिलियन डॉलर से अधिक है। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग के मुताबिक, उच्च दर उन सभी भारतीय वस्तुओं पर लागू होगी जो इस समयावधि के दौरान या उसके बाद उपभोग के लिए गोदाम में प्रवेश की गई हैं या वहां से उपभोग के लिए निकाली गई हैं।

    अमेरिकी वित्त मंत्री ने क्या कहा?

    कल फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत-अमेरिका संबंधों में विश्वास व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। मुझे लगता है कि अंततः हम एक साथ आएंगे।"

    बेसेंट ने यह भी बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शीर्ष स्तर पर बहुत अच्छे संबंध हैं। उन्होंने कहा, "यह एक जटिल रिश्ता है। राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच शीर्ष स्तर पर बहुत अच्छे संबंध हैं, लेकिन यह सिर्फ रूसी तेल तक ही सीमित नहीं है।"

    द्विपक्षीय व्यापार के संबंध में, बेसेंट ने ट्रंप के रुख को दोहराया और कहा कि अमेरिका का भारत के साथ बड़ा व्यापार घटा है और जब व्यापार संबंधों में विभाजन होता है तो घाटे वाले देश को लाभ होता है और सरप्लस वाले देश को चिंता करनी चाहिए।

    भारत झुकने के लिए नहीं तैयार

    उधर, भारत ने कहा है कि वह अमेरिकी दबाव के खिलाफ मजबूती से खड़ा होने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह देश के किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेंगे।

    जर्मन अखबार फ्रैंकफर्टर अलगेमाइन त्सितुंग (FAZ) ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि टैरिफ विवाद की पृष्ठभूमि में, हाल के हफ्तों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को चार बार फोन किया लेकिन पीएम मोदी ने कोई जवाब नहीं दिया। रिपोर्ट बताती है कि यह उनके (मोदी के) गुस्से की गहराई, लेकिन उनकी सावधानी भी दर्शाता है।

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