वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों पर जवाब देने की तैयारी, चुनाव आयोग ने मोर्चे पर लगाए मजिस्ट्रेट
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों पर तेजी से कार्रवाई करते हुए जिला मजिस्ट्रेटों को मोर्चा संभालने का निर्देश दिया है। उन्हें अपने जिलों में मतदाता सूची से जुड़े आरोपों का तुरंत जवाब देने और सच्चाई जनता के सामने लाने के लिए कहा गया है। आयोग के अनुसार कई जिलों के मजिस्ट्रेटों ने सोशल मीडिया के माध्यम से मतदाता सूची की गड़बड़ियों पर स्पष्टीकरण दिया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर विपक्षी दलों के तेज हो रहे हमलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने अब इससे निपटने के लिए जिला मजिस्ट्रेट, जो पदेन जिला निर्वाचन अधिकारी भी होते है, को भी मोर्चे पर लगाया है। साथ ही उन्हें निर्देश दिया है कि यदि उनके जिलों में मतदाता सूची में गड़बड़ी के किसी तरह आरोप लगाए जाएं तो उनका तुरंत जवाब दें। सच्चाई को जनता के सामने लाए।
आयोग का मानना है कि जिस तरह से मतदाता सूची को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है, उसमें जवाब देना जरूरी है। चुनाव आयोग के इस निर्देश के बाद अब तक करीब दर्जन भर जिलों के जिला मजिस्ट्रेट ने अपने जिलों से जुड़ी मतदाता सूची की गड़बडि़यों को लेकर लगाए गए आरोपों पर इंटरनेट मीडिया के जरिए जवाब दिया है। सभी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के लगाए गए आरोपों की कलई खोलते हुए सच्चाई सामने लायी गई है।
गलत ढंग से काटे जाने का आरोप
आयोग के जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक इसकी शुरूआत मंगलवार रात से की गई है। इस दौरान सबसे पहले उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के जिला मजिस्ट्रेट ने इंटरनेट मीडिया पर बताया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाराबंकी जिले के विधानसभा क्षेत्र 266-कुर्सी के जिन दो मतदाताओं के नाम गलत ढंग से काटे जाने का आरोप लगाया था, जांच में उन दोनों ने नाम मतदाता सूची में दर्ज है।
गड़बड़ी के आरोपों का जवाब
इसी तरह जिला मजिस्ट्रेट जौनपुर (उत्तर प्रदेश) के साथ जिला मजिस्ट्रेट कासगंज ( उत्तर प्रदेश), जिला मजिस्ट्रेट लखनऊ ( उत्तर प्रदेश ), जिला मजिस्ट्रेट जयपुर ( राजस्थान ) जिला मजिस्ट्रेट नासिक ( महाराष्ट्र) व जिला मजिस्ट्रेट नवादा ( बिहार) ने भी मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों का जवाब दिया है। आयोग ने इसके साथ ही अपने फैक्ट चेक पर भी इन आरोपों की हकीकत को सामने लाया है।
मतदाता सूची में खामियों को दूर करने की पहल
आयोग की मानें तो मतदाता सूची में खामियों को दूर करने के लिए लिए वह बिहार के बाद पूरे देश में विशेष सघन पुनरीक्षण को शुरू करने की तैयारी में है। ऐसे में राजनीतिक दलों को भ्रम फैलाने की जगह इनमें सहयोग करना चाहिए।
अब तक बिहार में ड्राफ्ट मतदाता सूची को लेकर किसी भी राजनीतिक दल की ओर से एक भी दावे- आपत्तियां नहीं दी गई है। गौरतलब है कि सभी जिलों में मतदाता सूची को तैयार करने का काम चुनाव आयोग के निर्देश पर ही जिला निर्वाचन अधिकारियों की देखरेख में किया जाता है।
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