चुनाव आयोग ने आर्थिक खुफिया समिति को फिर से सक्रिय किया, बिहार चुनाव पर रहेगी नजर
चुनाव आयोग ने छह साल बाद अपनी आर्थिक खुफिया समिति को फिर से सक्रिय किया है। इसका उद्देश्य बिहार चुनाव में मतदाताओं को धन, शराब और मादक पदार्थों के प्रभाव से बचाना है। बैठक में प्रवर्तन एजेंसियों और पुलिस बलों की रणनीति पर विचार किया गया। विभिन्न एजेंसियों ने चुनाव आयोग को अपनी तैयारियों और प्रस्तावित उपायों की जानकारी दी। आयोग ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग पर जोर दिया।
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चुनाव आयोग ने आर्थिक खुफिया समिति को फिर से सक्रिय किया (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने छह वर्ष के अंतराल के बाद अपनी आर्थिक खुफिया समिति को फिर सक्रिय कर दिया है। इसका मकसद बिहार चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धन, शराब और मादक पदार्थों के इस्तेमाल पर अंकुश लगाना है।
चुनावी खुफिया मामलों की बहु-विभागीय समिति (एमडीसीईआइ) की शुक्रवार को यहां 2019 के बाद पहली बार बैठक हुई। इस बैठक में बिहार में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धनबल और मुफ्त की रेवडि़यों के इस्तेमाल को रोकने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों और केंद्रीय पुलिस बलों की रणनीति को दुरुस्त किया गया।
विभिन्न एजेंसियों ने आयोग को अपनी तैयारियों, उठाए गए कदमों और प्रलोभन-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित कदमों के बारे में जानकारी दी। चुनाव आयोग ने बताया कि ये जानकारी चुनावों को दूषित करने के लिए धन और अन्य प्रलोभनों के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने से जुड़े कई विषयों पर थीं। आयोग के अधिकारियों ने निर्देश दिया कि प्रभावी कार्रवाई के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच आर्थिक अपराधों पर सहयोग और खुफिया जानकारी साझा की जानी चाहिए।
2014 के आम चुनावों से पहले हुआ था गठन
इस समिति का गठन 2014 में आम चुनावों से पहले किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि समिति की बैठक 2014 और 2019 के चुनावों से पहले हुई थी, लेकिन उसके बाद कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई। एजेंसी और सुरक्षा बलों के प्रमुख धनबल पर लगाम लगाने के लिए रणनीति बनाने के लिए बैठकें करते रहे हैं। शुक्रवार को उनकी बैठक और भी बड़े पैमाने पर हुई। बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त एसएस संधू और चुनाव आयुक्त विवेक जोशी उपस्थित थे।
समिति में शामिल हैं 17 विभागों के अधिकारी
इस बहु-विभागीय समिति में 17 विभागों के अधिकारी शामिल हैं। इनमें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड, प्रवर्तन निदेशालय, राजस्व खुफिया विभाग, केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो, वित्तीय आसूचना इकाई, भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय बैंक संघ, नशीली दवा नियंत्रण ब्यूरो, रेलवे सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सशस्त्र सीमा बल, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और डाक विभाग शामिल हैं।
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