Fact Check Story: महीने में ATM से चार बार से अधिक पैसा निकालने पर लगेगा 173 रुपये का टैक्स? जानें सच
आरबीआई के नियमों के मुताबिक प्रत्येक बैंक को अपने ग्राहकों को हर महीने एटीएम से तय संख्या में निकासी की सुविधा देनी होती है। इस तय सीमा से अधिक संख्या में निकासी करने के मामले में ही ग्राहकों को प्रति लेनदेन एक निश्चित शुल्क का भुगतान करना होता है।
By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Sun, 08 Aug 2021 08:20 PM (IST)
नई दिल्ली, (विश्वास न्यूज)। देश में एक अगस्त से टैक्स और बैंकिंग नियमों में प्रस्तावित बदलाव लागू होने के बाद सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स यह दावा कर रहे हैं कि महीने में एटीएम से चार बार से अधिक पैसा निकालने पर 150 रुपये टैक्स और 23 रुपये के सर्विस चार्ज को मिलाकर कुल 173 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं एक अगस्त से बैंक में चार ट्रांजैक्शन के बाद प्रत्येक ट्रांजैक्शन यानी लेन-देन पर 150 रुपये के शुल्क का भुगतान करना होगा।
आरबीआई के नियमों के मुताबिक प्रत्येक बैंक को अपने ग्राहकों को हर महीने एटीएम से तय संख्या में निकासी की सुविधा देनी होती है। इस तय सीमा से अधिक संख्या में निकासी करने के मामले में ही ग्राहकों को प्रति लेनदेन एक निश्चित शुल्क का भुगतान करना होता है। नियम के मुताबिक कोई भी बैंक ऐसी स्थिति में 20 रुपये से अधिक का शुल्क नहीं ले सकते हैं।
क्या कहता है नियम?
अगर कोई ग्राहक एटीएम से पैसे निकालता है तो उसके पास दो तरह के विकल्प होते हैं। पहला कि वह अपने बैंक (यानी जिसमें उसका खाता है) के एटीएम से पैसे निकाले। इस स्थिति में ग्राहकों को बैंक के एटीएम से हर महीने पांच ट्रांजैक्शंस या लेनदेन पर किसी शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा।दूसरी स्थिति में आप किसी अन्य बैंक के एटीएम से भी पैसे निकाल सकते हैं। ऐसे मामले में आरबीआई के नियम के मुताबिक, महानगरों में किसी उपभोक्ता के लिए अन्य बैंकों से एटीएम से महीने में मुफ्त निकासी की संख्या तीन तय की गई है, जबिक गैर महानगरीय शहरों में अन्य बैंकों के एटीएम से कोई ग्राहक महीने में पांच बार (वित्तीय और गैर वित्तीय) तक मुफ्त ट्रांजैक्शंस कर सकता है।
बैंकों की तरफ से एटीएम से महीने में किए जाने वाले फ्री ट्रांजैक्शंस की तय सीमा के खत्म होने के बाद अगर कोई ग्राहक एटीएम से पैसे निकालता है तो उसे प्रति ट्रांजैक्शन अधिकतम 20 रुपये का भुगतान करना होगा। बैंक 20 रुपये से ज्यादा का शुल्क ग्राहकों से नहीं वसूल सकते हैं। केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हालांकि इस शुल्क को 20 रुपये से बढ़ाकर 21 रुपये किए जाने की मंजूरी दे दी है लेकिन यह फैसला एक जनवरी 2022 से लागू होगा।
जबकि वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि मुफ्त नकद निकासी की तय संख्या के बाद किए गए लेनदेन के लिए ग्राहकों को 150 रुपये का टैक्स और 23 रुपये का सर्विस चार्ज मिलाकर कुल 173 रुपये प्रति लेनदेन की दर से भुगतान करना होगा। विश्वास न्यूज अपनी जांच में पाया कि यह दावा पूरी तरह से गलत है।क्या है वायरल पोस्ट में?वायरल पोस्ट में एक और भ्रामक दावा करते हुए कहा गया है, 'एक अगस्त से बैंक में चार ट्रांजैक्शंस के बाद प्रति ट्रांजैक्शन पर 150 रुपये का चार्ज देना होगा।' हमारी जांच में यह दावा भी भ्रामक निकला। साल 2017 में एचडीएफसी समेत कई निजी बैंकों ने प्रति महीने के लिए निर्धारित मुफ्त चार ट्रांजैक्शंस (नकद जमा और नकद निकासी) के बाद प्रति लेनदेन पर 150 रुपये का शुल्क लिए जाने की घोषणा की थी। हालांकि यह सभी बैंकों के लिए अलग-अलग है।
एक मार्च 2017 को एचडीएफसी बैंक की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक महीने में चार बार नकदी लेनदेन (जमा और निकासी को मिलाकर) शुल्क मुक्त है। इसके बाद पांचवें लेनदेन से प्रति लेनदेन पर 150 रुपये (टैक्स सहित) का टैक्स देना पड़ेगा। वहीं बैंक ने एसबी मैक्स ग्राहकों को महीने में पांच फ्री लेनदेन की सुविधा दी है।वहीं भारतीय स्टेट बैंक में जमा खाते में महीने में तीन बार नकदी जमा की सुविधा मुफ्त है। चौथे लेनदेन के लिए बैंक 50 रुपये (और जीएसटी) प्रति लेनदेन के हिसाब से शुल्क लेता है। वहीं नकदी निकासी के मामले में भी प्रति महीने के लिए तय मुफ्त निकासी की संख्या के बाद से बैंक 50 रुपये (और जीएसटी) प्रति लेनदेन के हिसाब से शुल्क वसूलता है। साफ शब्दों में समझा जाए तो जमा और निकासी के मामले में बैंक दर बैंक शुल्क अलग-अलग है।
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