'बिना मदद के हमला संभव नहीं', पहलगाम हमले के बाद FATF ने पाक को लताड़ा; ग्रे लिस्ट में डालने की तैयारी
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) पाकिस्तान को पहलगाम हमले के लिए फिर से ग्रे सूची में डाल सकता है। भारत इसके लिए प्रयासरत है क्योंकि एफएटीएफ ने हमले की निंदा की है। हमले में 20 से अधिक लोग मारे गए थे। पाकिस्तान को ग्रे सूची में डालने पर उसे विश्व बैंक और आईएमएफ से मदद नहीं मिलेगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया के देशों के वित्तीय लेनदेन पर कड़ी नजर रखने वाली 40 से अधिक देशों के समूह की वैश्विक एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) पाकिस्तान को पहलगाम हमले के लिए फिर से ग्रे सूची में डाल सकती है।
भारत इसके लिए पहले से प्रयासरत है और एफएटीएफ के हालिया बयान के बाद इसकी संभावना बढ़ती नजर आ रही है। एफएटीएफ ने गत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इस प्रकार का आतंकी हमला बिना वित्तीय मदद के संभव नहीं है। इस हमले में 20 से अधिक निर्दोष लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा था।
पाकिस्तान को ग्रे सूची में डालने पर क्या होगा?
एफएटीएफ के इस बयान से भारत के उस दावे को समर्थन मिल रहा है, जिसके तहत भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार बताते हुए उसे ग्रे सूची में डालने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान को ग्रे सूची में डालने पर विश्व बैंक और आईएमएफ जैसी किसी भी वैश्विक वित्तीय एजेंसी से उसे मदद नहीं मिल पाएगी।
पहले भी ग्रे सूची में डाला जा चुका है पाकिस्तान
भारत की पहल पर पहले भी पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाला जा चुका है, लेकिन वर्ष 2022 में पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को वित्तीय मदद नहीं देने के अपने वादे के साथ इस सूची से बाहर आ गया। पहलगाम हमले के बाद भारत का वित्त मंत्रालय फिर से पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे सूची में डालने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है और पहलगाम हमले में पाकिस्तान के हाथ होने की सबूत भी एफएटीएफ को भारत की तरफ से दिया जा रहा है।
जल्द ही एफएटीएफ आतंकवाद के फंडिंग पर विस्तृत रिपोर्ट जारी करने वाली है। एफएटीएफ आतंकवाद को वित्तीय मदद रोकने के लिए लगातार काम कर रहा है। एफएटीएफ का मानना है कि हाल ही में हुए पहलगाम व इस प्रकार के अन्य आतंकवादी हमले वित्तीय मदद के बगैर संभव नहीं है।
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