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    भारत वापस आएगा भगोड़ा कारोबारी चोकसी, इस दिन से शुरू होगी प्रत्यर्पण की कार्यवाही

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Thu, 11 Sep 2025 05:33 AM (IST)

    पंजाब नेशनल बैंक के 13000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही सोमवार को बेल्जियम की एक अदालत में शुरू होने की संभावना है। अदालती सुनवाई बेल्जियम के संघीय अभियोजकों द्वारा सीबीआइ और भारत के विदेश मंत्रालय के सहयोग से की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि चोकसी 2023 से बेल्जियम में रह रहा है।

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    भारत वापस आएगा भगोड़ा कारोबारी चोकसी (फाइल फोटो)

     पीटीआई, नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक के 13,000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही सोमवार को बेल्जियम की एक अदालत में शुरू होने की संभावना है। अदालती सुनवाई बेल्जियम के संघीय अभियोजकों द्वारा सीबीआइ और भारत के विदेश मंत्रालय के सहयोग से की जाएगी।

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    चोकसी 2023 से बेल्जियम में रह रहा है

    अधिकारियों ने बताया कि चोकसी 2023 से बेल्जियम में रह रहा है। वह इलाज के लिए एंटीगुआ और बारबुडा से इस यूरोपीय देश में स्थानांतरित हुआ था। उसकी पत्नी बेल्जियम की नागरिक है।

    उन्होंने बताया कि सीबीआइ को जनवरी 2024 में बेल्जियम में उसकी मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद उस यूरोपीय देश को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया था जिसके साथ भारत ने 2020 में एक संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इस व्यवस्था के तहत यह पहला मामला है।

    बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया चोकसी

    भारत के अनुरोध के आधार पर चोकसी को इस साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद के जमानत अनुरोधों को उस देश की विभिन्न अदालतों ने अस्वीकार कर दिया है।

    सीबीआई ने मामले में मदद के लिए प्रत्यर्पण कानून में विशेषज्ञता रखने वाली एक यूरोपीय कानूनी फर्म को भी नियुक्त किया है। सीबीआइ अधिकारियों की एक टीम भी आवश्यक जानकारी, दस्तावेज या दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए मौजूद रहेगी।

    चोकसी के खिलाफ ढेरों दस्तावेज सौंपे

    एजेंसी ने बेल्जियम के अधिकारियों को उसके खिलाफ ढेरों दस्तावेज सौंपे हैं, जिनसे पता चलता है कि भारत में उसके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, वे उस यूरोपीय देश में भी दंडनीय हैं। यह दोहरी आपराधिकता का मामला है, जो संधि के तहत प्रत्यर्पण के लिए उपयुक्त मामला बनाता है।